चंबा : उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में ऑक्सीजन की कमी के कारण तीन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में पंजाब के पठानकोट निवासी 18 वर्षीय अमन कुमार, गुरदासपुर (पठानकोट) निवासी 26 वर्षीय अनमोल और एक अन्य अज्ञात श्रद्धालु शामिल हैं, जो पठानकोट का ही बताया जा रहा है।
मौसम अलर्ट के बाद यात्रा स्थगित
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद चंबा प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। चंबा-भरमौर मार्ग पर दुर्गेठी और बत्ती की हट्टी के पास रास्ता बंद होने से हजारों श्रद्धालु फंस गए हैं। कई श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ियों में ही रात बितानी पड़ी। हड़सर से डल झील तक के मार्ग पर लगभग 800 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने अपनी ओर से मदद करते हुए कई श्रद्धालुओं को अपने घरों में ठहराया।
विधायक ने की मदद
चंबा के विधायक नीरज नैयर ने अपने निवास पर करीब 75 फंसे हुए श्रद्धालुओं को ठहराया और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया। उनकी इस पहल की स्थानीय लोगों ने सराहना की है।
ऑक्सीजन की कमी बनी मौत का कारण
सोमवार को कमल कुंड मार्ग, कुगती पास और धनछो क्षेत्र में तीनों श्रद्धालुओं की जान ऑक्सीजन की कमी के कारण चली गई। 18 वर्षीय अमन कुमार अपने दोस्तों के साथ यात्रा पर था, लेकिन वह अपने समूह से पीछे रह गया। दोस्तों ने उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। प्रशासन को सूचित करने के बाद रेस्क्यू टीम ने कमल कुंड के पास अमन का शव बरामद किया।
इसी तरह, कुगती पास के पास एक 19 वर्षीय युवक का शव मिला, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। तीसरे श्रद्धालु, 26 वर्षीय अनमोल की हालत यात्रा के दौरान बिगड़ गई और स्वास्थ्य शिविर तक पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। प्रशासन ने तीनों शवों को रेस्क्यू कर भरमौर पहुंचा दिया है।
प्रशासन की कार्रवाई
चंबा प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और जांच जारी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक यात्रा से बचें।इस दुखद घटना ने मणिमहेश यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
