उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दो अतिरिक्त सचिव बनाए गए पर्यवेक्षक, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
नई दिल्ली उपराष्ट्रपति चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने केंद्र सरकार में कार्यरत दो अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। माना जा रहा है इस फैसले से चुनावी प्रक्रिया की निगरानी और मजबूत होगी तथा किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
चुनाव आयोग के इस निर्णय का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ हो। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से मतदान की प्रक्रिया, मतगणना और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बारीकी से निगरानी रखी जाएगी। अधिकारियों का काम होगा कि वे पूरे चुनावी कार्यक्रम की प्रत्यक्ष देखरेख करें और आयोग को समय-समय पर रिपोर्ट दें।
महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई
पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त ये दोनों अतिरिक्त सचिव मतदान प्रक्रिया की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इसमें चुनाव से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन कराना, सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखना और मतगणना तक पूरी पारदर्शिता बनाए रखना शामिल होगा। माना जा रहा है कि यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद सदस्यों की भागीदारी होती है और किसी भी स्तर पर विवाद की संभावना नहीं छोड़ी जा सकती।
पर्यवेक्षकों की नियुक्ति क्यों?
चुनाव आयोग पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। ऐसे में आयोग की यह कोशिश है कि चुनावों पर किसी भी तरह का सवाल न उठे। इसी कड़ी में उपराष्ट्रपति चुनाव में भी उच्च स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी देकर आयोग ने साफ कर दिया है कि वह पारदर्शिता और निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं करेगा। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव में किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव या तकनीकी लापरवाही जगह नहीं बना पाए।