महिलाओं को बांटने के लिए मिले 10 हजार, भाजपा नेताओं ने दिए सिर्फ एक हजार'
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं ने नई दिल्ली में महिलाओं को बांटे पैसे में घोटाला किया। महिलाओं को देने के लिए 10 हजार रुपये मिले थे, लेकिन नेताओं ने केवल एक हजार रुपये दिए।आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह, मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित अन्य नेताओं ने इसे लेकर गंभीर आरोप लगाए। अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया सांसद संजय सिंह के बयान का हवाला देकर आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं को 10 हजार रुपये बांटने को मिले थे, लेकिन इन नेताओं ने केवल 1100 रुपए ही दिए, बाकी रख लिए। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि बताएं कितने बांटे और कितने रख लिए। साथ ही दिल्ली की जनता से अपील की है कि किसी हालत में अपना वोट ना बेचें।
dवहीं मनीष सिसोदिया ने भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने 9 हजार रुपये रख लिए। उन्होंने लोगों ने कहा कि नेताओं से पूछना कि पैसे क्यों रखें। पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं ने नई दिल्ली में 1100-1100 रुपए बांटे थे। इस बात की चर्चा दिल्ली में हुई। उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली है कि इन्हें बांटने के लिए 10-10 हजार दिए गए थे, लेकिन महिलाओं को 1100 रुपये ही दिए।
दिल्ली में हो रहा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वोट खरीदने के लिए पैसे देना भ्रष्ट आचरण की परिभाषा में सीधे तौर पर आता है। यह भ्रष्टाचार है। चुनाव आचार संहिता लगने के बावजूद दिल्ली के अंदर ऐसा काम हो रहा है। उससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि भ्रष्टाचार के अंदर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे केजरीवाल : भाजपा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने शुक्रवार को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि वे सत्ता खोने के डर से मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। केजरीवाल सत्ता बचाने के लिए दिल्ली के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सचदेवा ने केजरीवाल के हालिया बयानों और पोस्टर को उनकी हताशा व चरित्र का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया। इसके अलावा 21 और 22 सितंबर को महिला विरोधी बयान दिए। उन्होंने दिसंबर में बांग्लादेशी व रोहिंग्या वोटरों को जोड़ने के लिए दबाव डाला और एक जनवरी को झूठी खबर फैलाकर दिल्ली का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए।