सर्दी और गर्मी दोनों में आता है हार्ट अटैक, ये हेल्थ टिप्स अपनाने से वक्त से पहले बंद नहीं होगा दिल

By :  vijay
Update: 2024-09-25 11:00 GMT

सर्दी हो या गर्मी हार्ट के मरीजों को अपनी सेहत का अधिक ध्यान रखना चाहिए। मौसम में बदलाव का बुरा असर दिल पर भी पड़ता है। ऐसे में कुछ जरूरी सावधानियां बरतने से आने वाली परेशानियों से बचाव किया जा सकता है।मौसम में बदलाव के कारण अक्सर सर्दी, जुकाम, बुखार आदि जैसी समस्याएं होती हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि बदलते मौसम में हमें दिल का भी खास ध्यान रखना चाहिए। जी हां आपने सही सुना, मौसम में बदलाव का बुरा असर हमारी हार्ट हेल्थ पर भी पड़ता है। सर्दी हो या गर्मी हार्ट अटैक आने का खतरा बना रहता है।

चूंकि दोनों ही मौसम में दिल का दौरा पड़ सकता है, इसलिए हमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। खासतौर पर अगर आपको पहले से ही दिल की बीमारी है तो आपको अधिक सतर्क रहना चाहिए।

गर्मी में हार्ट अटैक के कारण

 एनएचआई (Ref) के अनुसार गर्मी के मौसम में हीट वेव के कारण भी हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी की वजह से जब शरीर अपने आंतरिक टेंपरेचर को कंट्रोल करने की कोशिश करता है तो दिल की धड़कन तेज होने लगती है। इसके अलावा पसीना आता है और ब्लड वेसेल्स डाइलेट होने लगते हैं। इसका हार्ट हेल्थ पर भी गहरा असर पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन लोगों को पहले से हार्ट से जुड़ी बीमारी होती है उन पर मौसम में बदलाव का ज्यादा असर पड़ता है।

गर्मी के कारण हार्ट एग्जॉशन होता है और हीट स्ट्रोक भी आ सकता है। सर्कुलेटरी सिस्टम पर जोर पड़ने के कारण हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक भी हो सकता है। गर्मियों में डिहाइड्रेशन की वजह से भी हार्ट अटैक आ सकता है, क्योंकि इस मौसम में पसीना अधिक आता है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। डिहाइड्रेशन से ब्लड काफी गाढ़ा हो जाता है और हार्ट को पंप करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

क्यों बढ़ता है सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा?

सर्दियों में ब्लड वेसल्स संकुचित हो जाती हैं, ऐसे में खून का प्रवाह कम होने के कारण हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस स्थिति में हार्ट पर काफी दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है खासतौर पर जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है उनके लिए इसका खतरा अधिक रहता है।

इसके अलावा ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर लेवल भी हाई रहता है और हार्ट अटैक आने का यह भी बहुत बड़ा कारण होता है। चूंकि इस मौसम में नसें सिकुड़कर सख्त हो जाती हैं जिसकी वजह से ब्लड सप्लाई के लिए हार्ट पर काफी दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है। सिर्फ ठंड के मौसम में ही नहीं गर्मियों में भी ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है।

कम उम्र में हार्ट अटैक का कारण

ब्लड प्रेशर रखें कंट्रोल

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए सबसे पहले आपको अपनी डाइट का ध्यान रखना होगा। ज्यादा नमक के सेवन से बचें। नमक सिर्फ ब्लड प्रेशर लेवल को नहीं बढ़ाता है बल्कि नमक शरीर में पानी को भी रोकता है। आप अपनी डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स का भी सेवन आप कर सकते हैं। ब्लड प्रेशर नार्मल रखने के लिए आपको तनाव से दूर रहना होगा, साथ ही आपको अपने वजन पर नियंत्रण रखना होगा।

ऐसे करें सैर या वर्कआउट

अगर आपको हार्ट की बीमारी है और आपको हर्ट अटैक आ चुका है तो सर्दियों के मौसम में आप सुबह जल्दी उठने से बचें। सुबह-सुबह आपको एक्सरसाइज या वर्कआउट करने से भी बचना चाहिए। गर्मी के मौसम में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए। सैर के लिए आप ठंडे समय में जाएं। अगर आप घर के अंदर एक्सरसाइज कर रहे हैं तो वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें।

इतनी मात्रा में पानी पिएं

हार्ट के मरीजों को पानी के सेवन का भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। सुबह उठकर खाली पेट आप ज्यादा पानी के सेवन से बचें। ज्यादा पानी पीने से हार्ट को पंपिंग करने में कठिनाई होगी और ऐसे में हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है। आपको कितनी मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए इसकी सलाह आप अपने डॉक्टर से जरूर लें। गर्मियों में आपके लिए हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है लेकिन आपको कितनी मात्रा में पानी पीना है इस बात की भी जानकारी आपको होनी चाहिए।

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