क्या डायबिटीज के मरीज पंचकर्म करा सकते हैं? आयुर्वेद के डॉक्टर से जानें
डायबिटीज कोई संक्रामक बीमारी नहीं है फिर भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी का शिकार हैं. अब 30 से 40 साल की उम्र में भी डायबिटीज हो रही है. इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए लोग दवाओं का सेवन करते हैं. कुछ मामलों में शुगर लेवल फिर भी कंट्रोल नहीं होता है. डायबिटीज का असर शरीर के कई अंगों पर पड़ने लगता है. इससे किडनी, आंखें, लिवर और हार्ट पर भी प्रभाव पड़ता है.
अधिकतर लोग डायबिटीज के लिए एलोपैथी का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आयुर्वेद में होने वाले पंचकर्म से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. आयुर्वेद के जरिए क्या डायबिटीज मरीज स्वस्थ हो सकते हैं? इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं.
क्या डायबिटीज के मरीज पंचकर्म करा सकते हैं?
दिल्ली नगर निगम में चीफ मेडिकल ऑफिसर ( आयुर्वेद) डॉ आरपी पराशर बताते हैं कि डायबिटीज के रोगी अपने डॉक्टर की सलाह पर पंचकर्म करा सकते हैं. ये मरीज़ अगर इस पद्धति को अपनाते हैं, तो इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. पंचकर्म से डायबिटीज के मरीजों को कई फायदे भी मिलते हैं.
पंचकर्म में होने वाली विधि जैसे बस्ती चिकित्सा की मदद से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाया जा सकता है. पंचकर्म से पेट भी ठीक रहता है और शरीर से गंदगी निकल जाती है. इससे डायबिटीज के मरीज में शुगर लेवल कंट्रोल किया जा सकता है.
किन लोगों को नहीं कराना चाहिए
डॉ पराशर बताते हैं कि पंचकर्म की मदद से शरीर की शुद्ध भी होता है. यह भी डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन डायबिटीज का हर मरीज पंचकर्म नहीं करा सकता है. यह उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है. ये मरीज डॉक्टर की सलाह पर ही इसे कराएं. खुद से इस इस उपचार को न कराएं.
यह भी ध्यान रखें कि अगर आपका शुगर लेवल ज्यादा बढ़ा हुआ है ( 200 के पार) या शरीर कमजोर है और डायबिटीज के अलावा किडनी की बीमारी है तो फिर पंचकर्म न कराएं. अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है तो भी इस मामले में डॉक्टर की सलाह जरूर लें.