इस शख्स के शरीर में हैं पांच किडनियां, काम करती है सिर्फ एक… बाकी चार के पीछे क्या है साइंस?

By :  vijay
Update: 2025-02-21 21:20 GMT

हर किसी की बॉडी में दो किडनी होती हैं. लेकिन लोग एक किडनी किसी जरूरतमंद को दान भी कर सकते हैं. क्योंकि एक किडनी से भी हमारी बॉडी काम कर सकती है. मगर नई दिल्ली में 47 साल के साइंटिस्ट देवेंद्र बारलेवार के शरीर में दो नहीं बल्कि पांच किडनी हैं. यह सुनकर हैरानी हुई न? मगर ये सच है. देवेंद्र केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में बतौर साइंटिस्ट काम करते हैं.

देवेंद्र के शरीर में पांच किडनी कैसे हैं, इसका जवाब हम आपको बताते हैं. दरअसस, देवेंद्र बारलेवार का तीन बार किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका है. उनकी पांच में से सिर्फ एक ही किडनी काम करती है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, देवेंद्र बारलेवार लंबे समय से क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से ग्रस्त थे. उन्हें समय-समय पर डायलिसिस की जरूरत पड़ रही थी. ऐसे में साल 2010 में डॉक्टरों ने बारलेवार का सबसे पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया था. उन्हें पहली किडनी उनकी मां से मिली थी. ये किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा था और लगभग एक साल उन्हें डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ी.

साल 2012 में देवेंद्र का दूसरा ट्रांसप्लांट किया गया था. इस बार उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें किडनी दान दी थी. साल 2022 तक सब सही चल रहा था और किडनी सही से काम कर रही थी. लेकिन कोविड होने के कारण बारलेवार फिर से डायलिसिस पर जाने के लिए मजबूर हो गए. जब से वो डायलिसिस के सहारे ही अपनी जिंदगी काट रहे थे. हालांकि साल 2023 में एक मृत ने अपना अंग दान किया और एक बार फिर से देवेंद्र बारलेवार को किडनी मिल गई. ये किडनी ब्रेन-डेड डोनर ने दी थी.

अमृता अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार और यूरोलॉजी के प्रमुख डॉ. अनिल शर्मा ने इस साल जनवरी में किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया. करीब 10 दिन बाद बारलेवार को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई. अब उनकी किडनी सामान्य रूप से काम कर रही थी. डॉक्टरों के अनुसार, दान की गई तीसरी किडनी बारलेवार की खुद की किडनी और अन्य ट्रांसप्लांट किडनी के बीच दाईं ओर लगाई गई है.

तीन बार मिली किडनी

डॉ. शर्मा ने इस ट्रांसप्लांट को चुनौती भरा बताया. डॉ. शर्मा ने बताया- लंबे समय तक चलने वाली क्रोनिक किडनी की बीमारी और असफल ट्रांसप्लांट होने के चलते मरीज के लिए अंग अस्वीकृति का जोखिम बढ़ जाता है. पहले से चार किडनी होने के बाद पांचवीं को लगा काफी मुश्किल था. योजना के साथ पांचवीं किडनी लगाई गई. किडनी लगने से अब बारलेवार ने एक बार फिर राहत की सांस ली है. बारलेवार का सौभाग्य है कि उन्हें एक नहीं बल्कि तीन बार किडनी मिली है. क्योंकि अधिकांश लोगों के लिए एक किडनी पाना भी चुनौतीपूर्ण होता है.

किडनी ट्रांसप्लांट क्या है?

किडनी ट्रांसप्लांट एक सर्जरी होती है. इस दौरान खराब किडनी को डोनर की किडनी से बदला जाता है. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं.अधिकांश लोग ट्रांसप्लांट के तीन महीने के अंदर पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई जीवत इंसान की किडनी दान में मिलती है तो ट्रांसप्लांट 20-25 साल तक सफल रहता है. मृत दानकर्ता से प्राप्त किडनी का ट्रांसप्लांट 15-20 साल तक चलता है. किसी इंसान का तीन बार ट्रांसप्लांट होना बेहद हैरान करने वाली बात है. क्योंकि मैचिंग डोनर मिलना इतना आसान नहीं होता है.

Similar News