पेट की आम बीमारी, अटैक कर सकती हैं सीधा ब्रेन पर

Update: 2025-07-18 11:48 GMT

आपने कहावत तो ज़रूर सुनी होगी, "पहले पेट पूजा, फिर काम दूजा" या "पेट चंगा तो सब चंगा"। यह सिर्फ कहावत नहीं, बल्कि सेहत का सीधा फंडा है। जब पेट में सही खाना होगा, तो दिमाग भी ठीक से काम करेगा। लेकिन अगर पेट खराब है तो इसका असर सीधे दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। आज के समय में गैस और कब्ज दो ऐसी आम समस्याएं हैं जिन्हें लोग अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं लेकिन ये दोनों ही परेशानियां दिमाग पर बुरा असर डाल सकती हैं।

डॉक्टरों और शोधकर्ताओं के अनुसार

कब्ज अगर लंबे समय तक रहे तो यह याददाश्त को कमजोर कर सकती है। दिमाग सुस्त हो जाता है और ध्यान लगाने की क्षमता कम हो जाती है। व्यक्ति को धीरे-धीरे डिमेंशिया (Dementia) जैसी भूलने की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम पेट की सेहत को उतनी ही प्राथमिकता दें जितनी दिल या दिमाग को देते हैं।

 

कब्ज कैसे करती है दिमाग पर वार?

एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों को कब्ज की समस्या लंबे समय तक रहती है, उनमें भूलने की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोग सोचने-समझने में कमजोर हो जाते हैं। उनका दिमाग ठीक से काम नहीं करता जिससे काम में ध्यान नहीं लग पाता। शोध में यह भी पाया गया कि दिन में दो बार शौच जाने वालों में मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी गई हैं। इसलिए यह जरूरी है कि कब्ज का इलाज समय पर करवाया जाए और इसे कभी भी मामूली न समझा जाए।

 

पेट गड़बड़ाए तो बढ़ता है टाइप 3 डायबिटीज और ब्रेन डिजीज का खतरा

जब पेट ठीक से काम नहीं करता, तो इसका सीधा असर ब्रेन फंक्शन पर पड़ता है। इससे कई गंभीर बीमारियाँ होने लगती हैं, जैसे

टाइप 3 डायबिटीज: यह दिमाग से जुड़ी एक नई तरह की डायबिटीज है जिसमें ब्रेन इंसुलिन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता।

कोलन कैंसर: लंबे समय तक कब्ज और पेट की सफाई न होने से आंतों पर बुरा असर पड़ता है।

न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर: मानसिक बीमारियाँ और तनाव की समस्याएं बढ़ जाती हैं।

इम्यूनिटी कमजोर: खासकर कम उम्र के लोगों में ये दिक्कतें ज्यादा देखी जाती हैं। इसलिए अगर पेट सही नहीं है, तो सिर्फ पाचन तंत्र नहीं बल्कि पूरा शरीर और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

 



 


कब्ज क्यों होती है? इसके पीछे क्या कारण हैं?

पानी कम पीना

फाइबर की कमी (फल, सब्ज़ी, सलाद का कम सेवन)

अधिक तला-भुना या जंक फूड खाना

शारीरिक गतिविधि की कमी

तनाव और नींद की कमी

कब्ज का मतलब है कि सुबह पेट ठीक से साफ नहीं होता, जिससे:

बदबूदार गैस (farting) निकलती है

मुंह से बदबू आने लगती है

उल्टी जैसा मन करता है

शरीर में भारीपन और चिड़चिड़ापन बना रहता है

 

कब्ज से बचने के लिए क्या करें?

कब्ज से बचाव के लिए लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं

डेली डाइट में फाइबर फूड शामिल करें (फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज)

फास्ट फूड और तली हुई चीज़ों से परहेज करें

रोजाना हल्की फिजिकल एक्टिविटी या वॉक जरूर करें

नींद पूरी लें – कम से कम 7 घंटे

सुबह उठकर गुनगुना पानी पिएं, जिससे पेट आसानी से साफ हो

तनाव कम करने की कोशिश करें – योग या मेडिटेशन करें

 

कब्ज और गैस जैसी छोटी लगने वाली समस्याएं भविष्य में बड़ी बीमारियों का कारण बन सकती हैं। इसलिए पेट की सेहत का ध्यान रखें, सही खानपान अपनाएं और लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाएं। याद रखें, पेट सही तो दिमाग सही, और जब दिमाग सही तो ज़िंदगी सही।

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