सुखद खबर: दिल का दौरा पड़े तो खुद करेगा इलाज: अमेरिकी वैज्ञानिकों की बड़ी खोज
न्यूयॉर्क के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने 20 साल के शोध के बाद ऐसा जीन खोजा है जो हार्ट अटैक के बाद हृदय को खुद मरम्मत करने में सक्षम बना सकता है। यह तकनीक Cyclin A2 (CCNA2) जीन पर आधारित है, जो जन्म के बाद निष्क्रिय हो जाता है। वैज्ञानिकों ने इसे हानिरहित वायरस के जरिए सक्रिय किया, जिससे वयस्क हृदय कोशिकाएं फिर से विभाजित होने लगीं।
शोध प्रमुख डॉ. हिना चौधरी के मुताबिक, यह इंसानों में हृदय पुनर्जनन की दिशा में पहली बड़ी सफलता है। एफडीए की मंजूरी के बाद यह जीन थेरेपी हृदय प्रत्यारोपण की जरूरत को कम कर सकती है और हार्ट पेशेंट्स के जीवन में नया मोड़ ला सकती है।
🧪 प्रयोग कैसे हुआ?
शोध न्यूयॉर्क के Icahn School of Medicine at Mount Sinai में हुआ।
वैज्ञानिकों ने हानिरहित वायरस के ज़रिए इस जीन को
21–55 वर्ष आयु के दाता हृदय ऊतकों में सक्रिय किया।
इसके बाद हृदय कोशिकाएं फिर से विभाजित होने लगीं,
यानी हृदय ने खुद को रिपेयर करना शुरू कर दिया।
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🩺 डॉ. हिना चौधरी का बयान
> “हमने पहली बार वयस्क मानव हृदय कोशिकाओं को
नई कोशिकाएं बनाने के लिए प्रेरित किया है।
पहले यह केवल सूअरों पर सफल हुआ था,
अब इंसानों में भी असर दिखा है।”
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❤️ क्या होगा फायदा?
हार्ट अटैक के बाद नष्ट कोशिकाएं खुद ठीक हो सकेंगी।
हार्ट ट्रांसप्लांट या मैकेनिकल डिवाइस (जैसे पेसमेकर, LVAD) की जरूरत घटेगी।
यह उपचार केवल लक्षण नहीं, बल्कि हृदय क्षति के मूल कारण को ठीक करेगा।
मरीजों की रिकवरी तेज, अस्पताल में समय कम, और जीवन गुणवत्ता बेहतर होगी।
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⚠️ आगे क्या?
यह तकनीक अभी FDA की मानव परीक्षण स्वीकृति की प्रतीक्षा में है।
अगर मंजूरी मिल जाती है, तो यह उपचार
कार्डियोलॉजी के इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक साबित हो सकता है।
