ठंड बढ़ी तो बढ़ा निमोनिया का खतरा!: बच्चे-बुजुर्ग रहें खास सावधान, विशेषज्ञों ने बताए जरूरी उपाय
सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आता है। जैसे ही तापमान गिरता है, हवा में नमी और प्रदूषण बढ़ जाते हैं, जिससे वायरस और बैक्टीरिया तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ठंड में निमोनिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
❗ क्या है निमोनिया?
फेफड़ों का गंभीर संक्रमण जिसमें तेज बुखार, खांसी, सांस फूलना और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। WHO की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के करीब 7 लाख बच्चों की मौत निमोनिया से होती है।
🔥 ठंड में क्यों बढ़ता है खतरा?
बच्चे घरों के अंदर ज्यादा समय बिताते हैं → संक्रमण तेजी से फैलता है
धूप कम मिलने से विटामिन D की कमी
प्रदूषण और धुआं फेफड़ों को कमजोर करते हैं
कमजोर इम्युनिटी बीमारी को और आसान बना देती है
👨⚕️ विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
भीलवाड़ा हलचल से बातचीत में डॉ. नरेश खंडेलवाल बताते हैं:
“ठंड निमोनिया नहीं लाती, लेकिन ऐसी स्थिति बना देती है जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।”
घरों में बंद माहौल में संक्रमण जल्दी फैलता है
डायबिटीज, अस्थमा, COPD मरीजों को ज्यादा खतरा
💉 निमोनिया से बचाव का सबसे मजबूत उपाय: वैक्सीन
डॉक्टर की सलाह पर
न्यूमोकोकल वैक्सीन
इन्फ्लूएंजा वैक्सीन
बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
🧣 बच्चों को बचाने के आसान उपाय
शरीर गर्म रखें
हाथ बार-बार धोएं
साफ-सफाई पर ध्यान रखें
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
छोटे बच्चों को समय पर सभी वैक्सीन लगवाएं
मां का दूध 6 महीने तक दें, यह इम्युनिटी मजबूत करता है
आहार में विटामिन-C, विटामिन-D और जिंक बढ़ाएँ
🚑 कब डॉक्टर को दिखाएँ?
अगर किसी को:
बलगम वाली खांसी 2–3 दिन से ज्यादा
तेज बुखार
सांस में दिक्कत
सीने में दर्द
हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
