क्या आप भी देर रात तक जागते हैं? जानें इसका दिमाग और दिल पर क्या होता है असर

Update: 2025-08-03 10:40 GMT
क्या आप भी देर रात तक जागते हैं? जानें इसका  दिमाग और दिल पर क्या होता है असर
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देर रात तक जागना कई लोगों की आदत बन चुकी है। चाहे वह देर रात तक दोस्तों के साथ चैटिंग करना हो, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सीरीज देखना हो या काम का दबाव, ज्यादातर लोग अपनी नींद के साथ समझौता कर रहे हैं। कई लोगों के लिए यह एक सामान्य आदत बन गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह आदत आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। जी हां देर रात तक जगने की आदत आपके न सिर्फ आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बल्कि आपके दिल और दिमाग पर भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

वैज्ञानिक शोध और चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि देर रात तक जागना और अपर्याप्त नींद लेना इन दोनों अंगों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि इससे बचने के क्या क्या विकल्प हैं।

मस्तिष्क पर गहरा असर

जब हम सोते हैं, तो हमारा दिमाग आराम नहीं कर रहा होता, बल्कि मरम्मत का काम कर रहा होता है। नींद के दौरान, दिमाग दिन भर की जानकारियों को व्यवस्थित करता है, यादों को मजबूत करता है और हानिकारक टॉक्सिन (जैसे बीटा-एमिलॉइड) को बाहर निकालता है।

देर रात तक जागने से दिमाग को यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया पूरी करने का समय नहीं मिलता, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है, निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है और मूड में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। लंबे समय तक नींद की कमी, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ा सकती है।



दिल पर प्रभाव

दिमाग की तरह ही, दिल के लिए भी पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। नींद की कमी और देर रात तक जागने की आदत शरीर को लगातार तनाव की स्थिति में रखती है। इससे शरीर में तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।

सामान्य परिस्थितियों में रात के समय रक्तचाप कम होता है, लेकिन नींद की कमी के कारण यह बढ़ा हुआ रहता है। इससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और भविष्य में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय संबंधी अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए हर रात 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेना आवश्यक है।


बिगड़ता हार्मोन संतुलन

देर रात तक जागने से शरीर की 'सर्कैडियन रिदम' या जैविक घड़ी प्रभावित होती है। यह हमारी नींद और जागने के चक्र को नियंत्रित करती है। जब यह घड़ी बिगड़ती है, तो इसका सीधा असर हमारे हार्मोन के संतुलन पर पड़ता है। इससे भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जबकि भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का स्तर कम हो जाता है।

इसका परिणाम यह होता है कि हमें आधी रात में भूख लगती है, हम अस्वास्थ्यकर स्नैक्स खाते हैं और हमारा वजन बढ़ने लगता है। मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याएं दिल की बीमारियों का एक और बड़ा कारण बनती हैं, जो देर रात तक जागने की आदत से सीधे तौर पर जुड़ी होती हैं।


अच्छी नींद एक आवश्यकता

देर रात तक जागना सिर्फ एक बुरी आदत नहीं, बल्कि यह आपके दिमाग और दिल की सेहत के लिए एक बड़ा खतरा है। आधुनिक जीवनशैली में भले ही देर तक जागना एक मजबूरी या पसंद बन गई हो, लेकिन हमें इसके गंभीर परिणामों को समझना होगा। अच्छी सेहत के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, रात में अच्छी और पूरी नींद लें, सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप जैसे स्क्रीन वाले गैजेट से दूरी बनाएं और एक नियमित सोने का समय तय करें।


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