उठने-बैठने में परेशानी की वजह बन रहा कूल्हे का दर्द, तो आज से ही शुरू कर दें 5 योगासन
कूल्हे का दर्द आज एक बहुत आम समस्या बन गई है, जिससे सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोग भी परेशान रहते हैं। लंबे समय तक बैठकर काम करना, गलत मुद्रा में सोना या फिर ज्यादा एक्सरसाइज के कारण भी यह परेशानी हो सकती है, लेकिन वक्त रहते ध्यान न देने पर उठना-बैठना भी मुसीबत बन सकता है। ऐसे में, आइए आपको ऐसे 5 योगासन (Yoga for Hip Flexibility) बताते हैं जिनकी मदद से न सिर्फ कूल्हे के दर्द को कम किया जा सकता है बल्कि शरीर का लचीलापन भी बढ़ाया जा सकता है।
कूल्हे के दर्द के लिए 5 असरदार योगासन
त्रिकोणासन
यह आसन कूल्हे, पैर और पीठ की मांसपेशियों को खींचता है।
इसे करने के लिए पैरों को कूल्हे की चौड़ाई पर खोलें और एक पैर को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
हाथों को दोनों तरफ फैलाएं और ऊपर वाले हाथ को छत की ओर और नीचे वाले हाथ से पैर की उंगली को छूने की कोशिश करें, फिर कुछ वक्त तक इस मुद्रा में बने रहें।
वीरभद्रासन
कूल्हों, जांघों और पीठ को मजबूत बनाने में वीरभद्रासन II का काफी फायदेमंद है।
पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अधिक दूर खोलें और एक पैर को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
दोनों हाथों को कंधे की रेखा में फैलाएं और फिर इस मुद्रा में कुछ समय तक बने रहें।
भुजंगासन
यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और कूल्हे के दर्द को कम करता है।
इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और कोहनियों को मोड़कर शरीर को ऊपर उठाएं।
गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और ऊपर देखें, फिर कुछ वक्त इस मुद्रा में बने रहें।
बालासन
यह आसन कूल्हे, पीठ और गर्दन की मांसपेशियों को आराम देता है।
इसके लिए सबसे पहले घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं और माथे को जमीन पर टिका दें।
हाथों को आगे की ओर फैलाएं या शरीर के किनारे रखें। बस फिर कुछ देर इस मुद्रा में बने रहें।
उत्कटासन
यह आसन पैरों और कूल्हों को मजबूत बनाता है।
इसके लिए पहले पैरों को कूल्हे की चौड़ाई पर खोलें और फिर घुटनों को मोड़कर बैठने की मुद्रा बनाएं।
अब हाथों को ऊपर उठाएं और कुछ वक्त तक इसी मुद्रा में बने रहें।
