एक दिन ही पड़ रहा अष्टमी और नवमी पूजा? जानिए सही तिथी
इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है. शुभ अष्टमी 11 अक्टूबर शुक्रवार को मनाई जाएगी. दशहरा यानी विजयादशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ऐसे में सवाल उठता है कि नवमी कब मनाई जाएगी. तिथि को लेकर इस असमंजस की स्थिति के कारण अष्टमी का व्रत रखने वाले भक्त असमंजस में हैं. कई भक्त नौ दिन तक व्रत रखते हैं और दशमी को व्रत खोलते हैं, जबकि कई अष्टमी को व्रत रखते हैं और नवमी को व्रत खोलते हैं.
ऐसे में लोग व्रत को लेकर असमंजस में हैं. शास्त्रों के अनुसार अष्टमी-नवमी का व्रत शुभ माना जाता है. इस साल नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हुई है और 12 अक्टूबर को समाप्त होगी. नवरात्रि उत्सव में एक महत्वपूर्ण तिथि उदया तिथि होती है. उदया तिथि के बाद वाली तिथि को व्रत रखना चाहिए.
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि कब है?
इस वर्ष नवपत्रिका प्रवेश सप्तमी, गुरुवार, 10 अक्टूबर को होगा. अष्टमी व्रत अगले दिन, यानी शुक्रवार, 11 अक्टूबर को रखा जाएगा. अष्टमी तिथि शुक्रवार को सुबह 06:52 बजे तक ही रहेगी, जिसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, महाअष्टमी व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा और व्रत का पारण 12 अक्टूबर, नवमी को सुबह 06:52 बजे से पहले करना होगा.
अष्टमी दो दिन मनाई जाएगी. 10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि दोपहर 12:30 बजे तक रहेगी और फिर महाअष्टमी तिथि शुरू होगी और 11 अक्टूबर को 06:52 बजे तक रहेगी. 10 अक्टूबर को व्रत न रखने की सलाह दी क्योंकि अष्टमी तिथि और सप्तमी तिथि एक साथ पड़ रही है और इसे शुभ नहीं माना जाता है. अष्टमी तिथि के साथ नवमी तिथि होने पर व्रत रखना चाहिए और नवमी के दिन सूर्योदय के बाद व्रत तोड़ा जा सकता है.
इस वर्ष अष्टमी युक्त नवमी 11 अक्टूबर को है और नवमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 06:52 बजे तक रहेगी, इसलिए सुबह अष्टमी व्रत रखा जा सकता है. 12 अक्टूबर को सुबह 06:52 बजे के बाद दशमी तिथि शुरू होगी.