छींकने के पीछे का विज्ञान और क्या कहती हैं मान्यताएं

By :  vijay
Update: 2024-10-07 19:20 GMT

 लेकिन छींकना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन हमारे समाज में इससे जुड़े कई धार्मिक और सांस्कृतिक पहलू भी मौजूद हैं. अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि यात्रा पर निकलने से पहले छींक आ जाए तो कुछ देर रुकना चाहिए, या किसी शुभ काम से पहले छींक आ जाए तो उसे रोक देना चाहिए. इन मान्यताओं के पीछे कई तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएं काम करती हैं. तो आइए, जानते हैं छींकने को लेकर किस तरह की मान्यताएं और धारणाएं प्रचलित हैं, और कैसे लोग इसे शुभ या अशुभ मानते हैं.

छींकना शुभ या अशुभ?

छींक को लेकर प्राचीन काल से कई मान्यताएं हैं. यह देखा गया है कि लोग इसे शुभ और अशुभ दोनों मानते हैं. लेकिन छींकना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन हमारे समाज में इससे जुड़े कई धार्मिक और सांस्कृतिक पहलू भी मौजूद हैं. अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि यात्रा पर निकलने से पहले छींक आ जाए तो कुछ देर रुकना चाहिए, या किसी शुभ काम से पहले छींक आ जाए तो उसे रोक देना चाहिए.

किसी शुभ काम से पहले छींक आना

ऐसा माना जाता है कि अगर आप किसी शुभ कार्य, जैसे पूजा, हवन या अन्य धार्मिक अनुष्ठान से पहले छींकते हैं, तो यह ईश्वर का आशीर्वाद होता है. इस स्थिति में छींक को शुभ माना जाता है और यह संकेत देता है कि जो कार्य आप करने जा रहे हैं, वह सफल रहेगा.

दाएं नाक से छींक आना

कई मान्यताओं के अनुसार, अगर छींक दाईं तरफ की नाक से आती है, तो इसे शुभ माना जाता है. इसका मतलब होता है कि आगे आने वाले समय में आपके लिए कुछ अच्छा होने वाला है.

सुबह के समय छींक आना

सुबह के समय अगर किसी को छींक आती है, तो इसे एक शुभ संकेत माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि दिन की शुरुआत अगर छींक से होती है, तो आगे का दिन अच्छा बीतेगा.

दो बार छींक आना

कुछ मान्यताओं में दो बार छींक आना भी शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और उसके कामों में सफलता मिलती है.

किसी यात्रा से पहले छींकना

यात्रा पर निकलते समय अगर आपको छींक आ जाए, तो इसे अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे यात्रा में बाधा आ सकती है या कुछ अनहोनी हो सकती है. लोग अक्सर ऐसे समय पर यात्रा को टालने या कुछ देर रुकने की सलाह देते हैं.

बाएं नाक से छींक आना

अगर छींक बाईं तरफ की नाक से आती है, तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है. यह माना जाता है कि इससे आने वाले समय में किसी तरह की परेशानी या अवरोध उत्पन्न हो सकता है.

किसी जरूरी काम से पहले छींक आना

अगर आप किसी महत्वपूर्ण कार्य, जैसे इंटरव्यू, परीक्षा, या व्यापारिक बैठक के लिए जा रहे हैं और आपको छींक आ जाए, तो इसे अपशगुन माना जाता है. लोगों का मानना है कि इससे वह काम बिगड़ सकता है या उसमें सफलता नहीं मिलेगी.

रात के समय छींक आना

रात के समय छींकना भी कई लोगों के अनुसार अशुभ होता है. विशेष रूप से अगर आप सोने जा रहे हैं और तभी छींक आती है, तो इसे अगले दिन के लिए अशुभ माना जाता है.

छींक और यात्रा से जुड़ी मान्यताएं

छींक और यात्रा से जुड़ी मान्यताएं हमारे समाज में काफी प्रचलित हैं. प्राचीन समय में लोग यात्रा से पहले छींक को ध्यान से लेते थे. यदि यात्रा शुरू करने से पहले किसी को छींक आती, तो यह माना जाता था कि यात्रा में कोई बाधा आएगी या अनहोनी होगी. ऐसे में यात्रा को टालने की सलाह दी जाती थी, खासकर अगर छींक बाईं तरफ से आई हो.

नाम लेने की प्रथा

भारत में ऐसा भी कहा जाता है कि अगर किसी को छींक आए और वह तुरंत किसी का नाम ले ले, तो यह उस व्यक्ति के लिए शुभ होता है. यह परंपरा विशेष रूप से बच्चों में देखी जाती है, जब वे मस्ती में किसी का नाम लेकर छींक को मजेदार बनाते हैं.

छींक आने पर ‘ईश्वर तुम्हारी रक्षा करें’ कहना.

छींक आने पर कई जगहों पर यह कहने का रिवाज है कि ‘भगवान तुम्हें सलामत रखे. इसका कारण यह है कि प्राचीन समय में ऐसा माना जाता था कि छींकने के दौरान हमारी आत्मा शरीर से बाहर निकल जाती है, और इस वाक्य से आत्मा को सुरक्षित रखने की कामना की जाती थी.

शुभ या अशुभ?

छींक को लेकर जितनी भी मान्यताएं हैं, वे अलग-अलग समय, स्थान और संस्कृति पर आधारित हैं. जहां कुछ लोग छींक को शुभ मानते हैं, वहीं कई लोग इसे अशुभ भी मानते हैं. हालांकि, यह सब धारणाओं और विश्वासों पर निर्भर करता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो छींकना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसका शुभ-अशुभ से कोई संबंध नहीं है.

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