क्या आपकी भी रीढ़ की हड्डी में रहता है दर्द? डॉक्टर से जानें इसका कारण और बचाव के तरीके

By :  vijay
Update: 2024-10-16 20:09 GMT

घंटों एक ही जगह बैठकर काम करने से रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइनल कॉर्ड में दर्द रहना एक आम परेशानी बन गई है. यह समस्या कभी न कभी हर व्यक्ति को परेशान करती है, लेकिन कुछ लोगों में यह लंबे समय तक रहती है और इससे आराम नहीं मिलता है. इस वजह से कोई काम करने में भी परेशानी होती है. कई लोग रीढ़ की हड्डी के दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है. कुछ मामलों में रीड की हड्डी डैमेज भी हो सकती है. जिससे हर्निएटेड डिस्क, कमर में दर्द और स्कोलाइसिस जैसी बीमारी होने का रिस्क रहता है. रीढ़ की हड्डी में दर्द किन और बीमारियों का कारण बन सकता है और इससे बचाव कैसे करें. यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.

दिल्ली के इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर में चीफ ऑफ, स्पाइन सर्विसेज में डॉ. विकास टंडन बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. अगर लंबे समय तक ये परेशानी रहती है तो इससे, अर्थराइटिस, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी तक हो सकती है. ऐसे में इसका इलाज जरूरी है. डॉ विकास टंडन बताते हैं कि वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ कायरोप्रैक्टिक (WFC) की ओर से 16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी. इसका मकसद लोगों को रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूक करना है.

क्यों होता है रीढ़ की हड्डी में दर्द?

डॉ विकास बताते हैं कि घंटों एक की जगह बैठकर काम करना, खराब पोस्चर, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और कोई इंजरी रीढ़ की हड्डी में दर्द का कारण बन सकती है. शुरुआत में यह दर्द हल्का रहता है और बाद में धीरे-धीरे बढ़ सकता है, लेकिन इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

कैसे करें बचाव

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में न्यूरोसर्जरी विभाग में अतिरिक्त निदेशक डॉ. एस. के राजन बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी से संबंधित किसी भी परेशानी से बचने के लिए पोश्चर ठीक होना जरूरी है.हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हमेशा कमर सीधी करके बैठना चाहिए. आपके उठने, बैठने और चलने का तरीका सही होना चाहिए.

सही तरह से बैठने से हमारे दिमाग पर कई तरह से सकारात्मक असर पड़ता है. इससे रीढ़ से संबंधित परेशानी का रिस्क भी कम होता है. सीधे बैठने से मानसिक तनाव हो कम हो जाता है. अध्ययन बताते हैं कि यदि सीध बैठा जाए तो शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है. इससे मानसिक तनाव कम करने में भी मदद मिलती है.

स्पाइन सर्जन डॉ.नवीन एस तहसीलदार बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी से संबंधित किसी भी परेशानी से बचने के लिए कई तरीके आप खुद भी आजमा सकते हैं. इसके लिए अपना लाइफस्टाइल अच्छा रखें और रोज योग करें. खानपान का ध्यान रखें और अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी लें.

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