बंद कमरों में अलाव और हीटर बन सकते हैं जानलेवा, डॉक्टरों ने दी सतर्क रहने की सलाह
भीलवाड़ा हलचल
भीषण ठंड के बीच लोग कमरों को गर्म रखने के लिए अलाव, अंगीठी, इलेक्ट्रिक रूम हीटर और ब्लोअर का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यह उपाय कई बार जान पर भारी पड़ सकते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड से बचाव के चक्कर में की गई लापरवाही गंभीर हादसे का कारण बन सकती है।
चिकित्सक डॉ नरेश खंडेलवाल ने बताया कि बंद कमरे में कोयला, अलाव या अंगीठी जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड सहित कई जहरीली गैसें निकलती हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ने पर कमरे में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से घट जाता है। यह गैस सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सीधे दिमाग पर असर डालती है, जिससे व्यक्ति बिना किसी चेतावनी के बेहोश हो सकता है।
उन्होंने बताया कि कार्बन मोनोऑक्साइड खून में घुलकर धीरे धीरे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देती है। ऐसे में सो रहा व्यक्ति समय रहते खतरे को समझ ही नहीं पाता और जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ खंडेलवाल ने यह भी चेतावनी दी कि केवल अंगीठी ही नहीं, बल्कि बंद कमरे में लंबे समय तक इलेक्ट्रिक हीटर या ब्लोअर चलाना भी नुकसानदायक हो सकता है। इससे कमरे का तापमान तो बढ़ता है, लेकिन हवा में नमी का स्तर कम हो जाता है। नमी घटने से सामान्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत, गले में सूखापन और अन्य श्वसन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
उन्होंने सलाह दी कि यदि हीटर का उपयोग करना जरूरी हो तो कमरे में एक बाल्टी पानी बिना ढके रखनी चाहिए, ताकि हवा में नमी बनी रहे। साथ ही कमरे में हवा के आवागमन की व्यवस्था रखना और सोते समय अलाव या अंगीठी न जलाना ।
