गले की सूजन और खराश से राहत देंगे असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे

Update: 2025-12-13 18:20 GMT

नई दिल्ली। मौसम में बदलाव के साथ गले में खराश और सूजन की समस्या आम हो जाती है। शुष्क हवा, हीटर का ज्यादा इस्तेमाल, ठंडी हवा में सांस लेना, प्रदूषण और खान पान की अनियमित आदतें इस परेशानी को बढ़ा देती हैं। आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में कफ दोष का संचय बढ़ जाता है, जिससे गले में जलन, सूजन और खराश की शिकायत होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में हवा के सूखेपन के कारण गले की प्राकृतिक नमी कम हो जाती है। इससे म्यूकस लेयर कमजोर पड़ती है और वायरस के प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है। हीटर के सामने लंबे समय तक बैठना गले को और अधिक शुष्क कर देता है। वहीं ठंडी हवा, ठंडे और गर्म पेय पदार्थों का एक साथ सेवन भी सूजन को बढ़ाता है।

आयुर्वेदिक जानकारों के अनुसार ऐसे घरेलू उपाय अधिक प्रभावी होते हैं जो कफ को संतुलित कर गले को गर्माहट और नमी प्रदान करें। हींग और शहद का लेप गले में लगाने से जलन कम होती है और कफ ढीला पड़ता है। मिश्री, सौंफ और काली मुनक्का को उबालकर तैयार काढ़ा पीने से गला नम रहता है और सूजन में राहत मिलती है।

गुनगुने पानी में हल्दी और कुचली लौंग मिलाकर गरारे करने से भी फायदा होता है। हल्दी सूजन कम करने में मदद करती है, जबकि लौंग गले के दर्द को शांत करती है। अदरक और गुड़ को गर्म कर उसकी भाप लेने से कफ निकलता है और खराश में जल्दी आराम मिलता है।

इसके अलावा नींबू के छिलके को हल्का गर्म कर गर्दन पर रखने से गले में नमी बनी रहती है। तुलसी का चूर्ण शहद के साथ लेने से संक्रमण से बचाव होता है। गुनगुना तिल का तेल नाक में डालने से गले का सूखापन कम होता है और आराम मिलता है।

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