एक दिन पहले तिरंगे में पहुंचे शहीद, पैतृक गांवों में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Update: 2024-07-17 17:58 GMT

 

 आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवान शहीद हो गए, जिनमें से दो राजस्थान के झुंझुनू जिले से थे। शहीद अजय सिंह, भैसावता कलां, बुहाना तहसील के निवासी थे, जबकि बिजेंद्र सिंह डूमोली कलां की ढाणी खुबा के रहने वाले थे। दोनों एक साथ ही वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए थे और साथ ही दोनों तिरंगे में लिपटकर बुधवार को अपने गांव पहुंचे। दोनों का उनके गांव में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।म

   मुझे मेरे लाल पर गर्व है

डूमोलीकलां के शहीद बिजेन्द्र सिंह दौराता के घर पर आज सुबह तक उनके शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई थी। बेटे की मौत से बेखबर पिता पास में ही खेत में काम करने चले गए थे। शहीद बिजेंद्र दौराता के घर बुधवार सुबह करीब 10 बजे 6 राजपूत यूनिट (मेरठ) के जवान पहुंचे। इस दौरान घर के बाहर टेंट लगने पर परिजनों को शहादत की जानकारी मिली।

बेटे के शहीद होने की जानकारी मिलते ही पिता रामजीलाल दौराता जोर-जोर से बिलखने लगे। उन्होंने कहा- बेटे ने अपना काम किया है, वो देश के लिए लड़ा, ये कहते हुए रो पड़े। पत्नी अंकिता और मां धौलीदेवी को इसका पता चलते ही घर में कोहराम मच गया। शहीद बिजेंद्र की पत्नी अंकिता ने कहा- ऑपरेशन पर जाने से पहले उनकी बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अभी ऑपरेशन पर जा रहा हूं, बाद में बात करूंगा। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। आज पता चला कि वो देश के लिए शहीद हो गए। उधर शहीद के मासूम बच्चे विहान (4) और किहान (1) को पता ही नहीं है कि अब उनके पिता नहीं रहे।

बार-बार बेहोश हो रहीं वीरांगना

उधर भैसावताकलां के शहीद अजय सिंह के घरवालों को मंगलवार सुबह ही उनकी शहादत की जानकारी मिल चुकी थी लेकिन उनके घर में कोहराम थमा नहीं। शहीद की वीरांगना शालू कंवर रोते हुए बार-बार बेहोश हो रही थी। अजय सिंह 6 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे और दो महीने पहले ही छुट्टी पर घर आए थे। उन्हें 18 जुलाई को फिर से छुट्टी लेकर गांव आना था, लेकिन उससे पहले ही वे शहीद हो गए।

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