शिल्पग्राम उत्सव विविधता में एकता की भारतीय संस्कृति का मूर्त स्वरूपः राज्यपाल बागड़े

Update: 2024-12-21 15:41 GMT

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लोक संस्कृति के संगम का महाकुंभ शिल्पग्राम उत्सव -2024 शुरू

 राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने नगाड़ा बजाकर किया शुभारंभ



उदयपुर, । केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के तत्वावधान में आयोजित शिल्पग्राम उत्सव के शुभारंभ लोक संस्कृति के संगम का महाकुम्भ विश्वप्रसिद्ध शिल्पग्राम उत्सव-2024 शनिवार से प्रारंभ हुआ। प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने शिल्पग्राम स्थित मुक्ताकाक्षी रंगमंच पर परंपरागत रूप से नगाड़ा बजाकर 10 दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान देश भर से आए लोक कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन कर अतिथियों और मेलार्थियों को रोमांचित कर दिया। समारोह में लोकसभा सांसद डॉ मन्नालाल रावत तथा उदयपुर ग्रामीण विधायक फुलसिंह मीणा भी बतौर अतिथि मंचासीन रहे। समारोह को संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल श्री बागड़े ने कहा कि भारत में हर कदम भाषा, रहन-सहन, संस्कृति बदल जाती है। भारत 7 वार और 9 त्यौहारों का देश है, फिर भी यहां की विविधता में एकता की संस्कृति पूरे विश्व के लिए आश्चर्य का विषय बनी हुई है। शिल्पग्राम उत्सव इसी विविधता में एकता की भारतीय संस्कृति का मूर्त स्वरूप सा है।9

श्री बागड़े ने कहा कि लोक कलाएं जीवन का उजास और सामाजिक चेतना की धूरी हैं। उनका संरक्षण सभी का दायित्व है। शिल्पग्राम में मिट्टी की सौंधी गंध है, जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है और एक सूत्र में बांधे रखती है। उन्होंने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की मेवाड़ धरा को नमन करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़े। ऐसे बलिदानों से ही 1000 सालों की गुलामी के बावजूद भारतीय संस्कृति की जड़ें नहीं हिल पाई और आज भी हमारी संस्कृति अक्षुण्य बनी हुई है। उन्होंने शिल्पग्राम में देश भर से पधारे लोक कलाकारों, कारीगरों, हस्तशिल्पियों का स्वागत करते हुए उनका उत्साहवर्द्धन किया। उन्होंने कहा कि यहां लगी स्टॉल्स में बिक्री के लिए सजा सामान बड़ी-बड़ी फेक्ट्रियों में नहीं बना। इनमें हस्तशिल्पियों की कला और उनकी दिनरात की मेहनत की झलक नजर देखने मिलती है। साथ ही मेलार्थियों से खरीदारी कर इन हस्त शिल्पियों और कलाकारों को संबल देने का आह्वान किया।

प्रारंभ में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने माननीय राज्यपाल श्री बागड़े सहित अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, एसपी योगेश गोयल, एडीएम सिटी वारसिंह सहित आदि उपस्थित थे।

नगाड़ा बजाकर शुभारंभ



 


 राज्यपाल श्री बागड़े सहित अतिथियों ने शिल्पग्राम की परंपरा के अनुसार नगाड़ा बजाकर शिल्पग्राम उत्सव 2024 का शुभारंभ किया। समारोह के आरंभ में माननीय राज्यपाल श्री बागडे ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और शिल्पग्राम परिसर का अवलोकन किया। साथ ही लोककलाकारों की प्रस्तुतियां देखकर उनकी हौंसला अफजाई की। निदेशक फुरकान खान ने बताया कि शिल्पग्राम उत्सव 21 से 30 दिसम्बर तक चलेगा। इसमें देश भर से 800 से अधिक लोक कलाकार भाग ले रहे हैं।

मसगे और डॉ शेखावत को डॉ. कोमल कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार


माननीय राज्यपाल श्री बागडे ने समारोह में जयपुर के डॉ. रूपसिंह शेखावत (भवाई लोक नृत्य) और महाराष्ट्र के श्री गणपत सखाराम मसगे (कठपुतली एवं चित्रकला) को डॉ. कोमल कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार प्रदान किया। इस पुरस्कार में प्रत्येक को एक रजत पट्टिका के साथ 2.51 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई।

उद्घाटन समारोह में संगीत और नृत्यों ने बांधा समां

उद्घाटन समारोह में ‘रिद् म ऑफ इंडिया-म्यूजिकल सिंफनी’ में शामिल विभिन्न राज्यों के दो दर्जन से अधिक वाद्य यंत्रों पर 50 से ज्यादा कलाकारों की बजाई धुनों ने शिल्पग्राम का माहौल संगीतमय बना दिया और मुक्ताकाशी मंच पर मौजूद सैकड़ों दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। वहीं, 15 फोक डांस की ‘कलर्स ऑफ इंडिया’ सामूहिक प्रस्तुति में 225 डांसर्स के सामूहिक डांस ने भी खूब समां बांधा।

आएंगे केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार को शिल्पग्राम महोत्सव में आएंगे। वे दोपहर 2.30 बजे शिल्पग्राम का दौरा करेंगे।‘

हिवड़ा री हूक’ होगा शुरू

‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम का रविवार से आगाज होगा। बंजारा मंच पर इस कार्यक्रम में हर संगीत प्रेमी को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, यह प्रोग्राम किसी ऐप पर या घर में लोक गीत या गाने गाकर अपने दिल की हूक यानी कसक मिटाने वाले हर उम्र के मेलार्थी को मंच प्रदान करेगा। यह ‘हूक’ प्रोग्राम 22 से 29 दिसंबर तक रोजाना दिन में 12 बजे से दोपहर 4 बजे तक चलेगा। ‘हिवड़ा री हूक’ में प्रस्तुतियों के दौरान सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी यानी क्विज भी हर आर्ट लवर को खूब लुभाएगा। इसमें सही जवाब देने वाले कला प्रेमियों को ‘शिल्पग्राम मोमेंटो’ से नवाजा जाएगा।

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