कपासन में सूरज पर हमला मामला :: धीरज गुर्जर के तेवर से बदला घटनाक्रम, गिरफ्तारी के साथ थाना प्रभारी हटे – पीड़ित को मिलेगी दुकान
भीलवाड़ा/कपासन।
कपासन के भूपालखेड़ा निवासी सूरज माली पर हुए हमले का मामला लगातार तूल पकड़ता गया। माली समाज सहित सर्वसमाज के धरना-प्रदर्शन के बीच शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और भीलवाड़ा जिले के कद्दावर नेता धीरज गुर्जर के तेवरों ने पूरे घटनाक्रम को नया मोड़ दे दिया।
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गुर्जर का धरना और भाषण
धरना स्थल पर पहुंचे धीरज गुर्जर ने मंच से प्रशासन को सीधा निशाना बनाया। उन्होंने कहा –
“ये कैसा इंसाफ है कि जिस सूरज माली ने पानी मांगा, उसे खून से नहला दिया गया। जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती और पुलिस निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा।”
गुर्जर ने मांग रखी कि थाना प्रभारी को तत्काल हटाया जाए और मामले की जांच कपासन से बाहर डीएसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी जाए।
धरना स्थल पर एएसपी सरिता सिंह भी पहुंचीं। आंदोलनकारियों और धीरज गुर्जर के दबाव में प्रशासन को मानना पड़ा और उच्च अधिकारियों से फोन पर बातचीत के बाद आश्वासन दिया गया कि थाना प्रभारी हटेंगे, जांच बदलकर डीएसपी करेंगे और पीड़ित परिवार को कपासन मंडी में एक दुकान भी दी जाएगी।
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गिरफ्तारी से हिला नेटवर्क
इस बीच पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए मुख्य आरोपी समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी की पहचान भीलवाड़ा जिले के कारोई थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर किशनलाल गुर्जर (29) पुत्र मोगूजी, निवासी कानपुरा, के रूप में हुई है। घटना के बाद वह फरार होकर उत्तराखंड के नीम करौली जा छिपा था, जहां से पुलिस ने दबोच लिया।
उसकी फरारी के दौरान मदद करने वाले चार और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया –
शिवराज (25) पुत्र कालूलाल गुर्जर, निवासी गुवारडी (थाना मंगरोप, भीलवाड़ा)
दिनेश पुत्र सिलूजी गुर्जर, निवासी कान्या (थाना हमीरगढ़, भीलवाड़ा)
दीपक (27) पुत्र नारायण गुर्जर, निवासी भीलवाड़ा
जीवराज (26) पुत्र नरसीलाल गुर्जर, निवासी जामोला (थाना मसूदा, ब्यावर)
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घटना का विवरण
गौरतलब है कि सूरज माली (20) सिंहपुर फैक्ट्री से छुट्टी के बाद साथी उदयलाल भील के साथ बाइक से लौट रहा था। गोरख जी का निंबाहेड़ा स्थित खाद फैक्ट्री के पास स्कॉर्पियो में आए 6–7 बदमाशों ने उनका रास्ता रोका। सूरज को धमकियां दीं और बेरहमी से पिटाई कर उसके दोनों पैर तोड़ दिए। फिलहाल सूरज का इलाज अहमदाबाद में चल रहा है।
पीड़ित ने चित्तौड़गढ़ अस्पताल में पुलिस को बयान देकर मामला दर्ज कराया था। इसके बाद समाज में आक्रोश फैल गया और कपासन में धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया।
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भीलवाड़ा से भी पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
हमले की गंभीरता को देखते हुए भीलवाड़ा से भी समाज का एक प्रतिनिधिमंडल कपासन पहुंचा। इसमें ओंकार माली, राजकुमार माली और गोपाल माली शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल ने धरने में शामिल होकर दोषियों की कड़ी सजा और पीड़ित को स्थायी सहायता की मांग की।
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प्रशासनिक फैसले और सियासी असर
धीरज गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद न केवल थाना प्रभारी हटाया गया बल्कि जांच भी कपासन से बाहर डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई। साथ ही प्रशासन ने पीड़ित परिवार को कपासन मंडी में दुकान आवंटित करने का आश्वासन दिया।
यह घटनाक्रम अब केवल आपराधिक वारदात नहीं रहा बल्कि भीलवाड़ा–चित्तौड़गढ़ की राजनीति, बजरी माफिया के नेटवर्क और समाज की एकजुटता का बड़ा उदाहरण बन गया है।
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निष्कर्ष
सूरज माली हमला मामला फिलहाल पुलिस कार्रवाई, समाजिक दबाव और राजनीतिक सक्रियता का संगम बन चुका है। एक ओर जहां गिरफ्तारी ने अपराधियों के नेटवर्क को झकझोरा है, वहीं दूसरी ओर धीरज गुर्जर की आक्रामक पहल ने प्रशासन को सख्त फैसले लेने पर मजबूर किया।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि डीएसपी स्तर की जांच से कितने और चेहरों का पर्दाफाश होगा और बजरी माफियाओं तक पुलिस की पकड़ कितनी मजबूत हो पाएगी।
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