’दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना में 5 लाख किसानों को मिला 1172 करोड़ रुपये का अनुदान’

Update: 2025-12-19 17:10 GMT

 जयपुर/उदयपुर, । मुख्यमंत्री   भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश के डेयरी क्षेत्र ने गत दो वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति की है। डेयरी क्षेत्र पारंपरिक व्यवसाय से आगे बढ़कर तकनीक-आधारित, संगठित और मजबूत उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है। राज्य सरकार से दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ बीमा योजना का लाभ देकर उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रही है।

प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत गत दो वर्षों में लगभग 5 लाख किसानों को 1 हजार 172 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इसके अतिरिक्त दुग्ध उत्पादकों के लिए सरस सामूहिक आरोग्य बीमा योजना के तहत 3 लाख रुपये तक की बीमा राशि दी जा रही है। अब तक लगभग 34 हजार दुग्ध उत्पादकों का बीमा किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा सरस मायरा योजना शुरू की गई है। इसके तहत दुग्ध उत्पादक सदस्यों की बेटी की शादी में 21 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

’आरसीडीएफ और जिला दुग्ध संघों का लाभ और टर्नओवर 47 वर्षों में सर्वाधिक’

राज्य सरकार के प्रभावी प्रयासों से आरसीडीएफ का वार्षिक टर्नओवर 8 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है। आरसीडीएफ और जिला दुग्ध संघों का कुल लाभ और टर्नओवर पिछले 47 वर्षों के इतिहास में सर्वाधिक है। टर्नओवर में हुई इस अभूतपूर्व वृद्धि का सीधा लाभ डेयरी क्षेत्र को मिला है। वार्षिक लाभ में लगभग 44 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। राज्य सरकार के डेयरी क्षेत्र में कुशल और प्रभावी प्रबंधन तथा संसाधनों के समुचित उपयोग के फलस्परूप वर्षों से घाटे में चल रही 15 दुग्ध इकाइयां वर्तमान में मुनाफा दे रही हैं।

’डेयरी क्षमता बढ़कर 54 लाख लीटर हुई, 70 लाख के लक्ष्य पर कार्य जारी’

राज्य में डेयरी व्यवस्था क्षमता 48 हजार लाख लीटर से बढ़कर 54 हजार लाख पहुंच गई है। आगामी दो वर्षों में इस क्षमता को बढ़ाकर 70 हजार लाख लीटर करने की दिशा में राज्य सरकार ने योजनाबद्ध और तेज गति से कार्य प्रारम्भ कर दिया है। इससे डेयरी सैक्टर को विस्तार मिलने के साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में 2185 नए प्रस्तावित दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, दुग्ध संकलन केन्द्र प्रारम्भ किए गए हैं तथा 788 नई रजिस्टर्ड दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन भी किया गया है। इन रजिस्टर्ड दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से 48 हजार 376 नए रजिस्टर्ड दुग्ध उत्पादक, पशुपालक सदस्य जोड़े गए हैं।

प्रदेश में श्वेत क्रान्ति 2.0 के तहत प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 17 जुलाई 2025 से प्रारम्भ की गई है। प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां अब आसानी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर कार्य शुरु कर सकती हैं।

’विद्यालय, आंगनबाड़ियों के बच्चों को 14 हजार 751 मैट्रिक टन स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूर्ति’

राज्य के लगभग 67 हजार राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए पन्नाधाय बाल-गोपाल योजना के तहत कुल 12 हजार 508 मैट्रिक टन स्किम्ड मिल्क पाउडर स्कूलों तक पहुंचाया गया है। वहीं, आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को दूध उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना (आंगनबाड़ी दुग्ध वितरण योजना) के अन्तर्गत 2 हजार 243 मैट्रिक टन स्कीम्ड मिल्क पाउडर की शत-प्रतिशत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। इस प्रकार कुल 14 हजार 751 मैट्रिक टन स्किम्ड मिल्क की आपूर्ति की गई है।

राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ‘दूध का दूध एवं पानी का पानी अभियान‘ चलाकर 24 हजार 731 से ज्यादा सैम्पल्स की टेस्टिंग भी की है।

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