बिना काम के करोड़ों का भुगतान: जलदाय विभाग के 139 इंजीनियर और लेखाकार कार्रवाई की जद में

Update: 2025-12-01 18:21 GMT

जयपुर हलचल

केंद्र सरकार के लेटर के बाद राजस्थान के जलदाय विभाग में हड़कंप की स्थिति है। कांग्रेस शासनकाल में जल जीवन मिशन के तहत जयपुर, अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही और चूरू सहित कई जिलों की पेयजल परियोजनाओं में बिना काम करवाए ही दो निजी फर्मों को पचास करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी कर दी गई थी। अब इसी अनियमितता में फंसे एक सौ उनतालीस इंजीनियरों और खंडीय लेखाकारों पर राज्य सरकार जल्द कार्रवाई करने जा रही है।

जल भवन में कार्रवाई की प्रक्रिया को गति देने के लिए विशेष कैंप लगाया गया। यहां उन अधिकारियों को बुलाया गया जो पिछले ग्यारह महीनों से आरोप पत्रों के प्रस्ताव लंबित रखे हुए थे। उन्हें लैपटॉप और भुगतान संबंधी सभी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना पड़ा। उच्च अधिकारियों की निगरानी में अब तक अस्सी से ज्यादा आरोप पत्रों के प्रस्ताव तैयार कराए जा चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार करीब पचास आरोप पत्र कार्मिक विभाग को भेजे जा चुके हैं। वहीं जयपुर जिले के दस इंजीनियरों और कार्मिकों के प्रस्ताव अब तक भेजे ही नहीं गए। इसके अलावा कमियों के कारण लौटाए गए दस प्रस्ताव भी दोबारा जल भवन नहीं पहुंचे, जिससे विभाग में और सवाल खड़े हो रहे हैं।

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