डिजिटल पत्रकारों को भी सरकार मान्यता, विज्ञापन और सुरक्षा दे,बोले काळे हक के लिए लड़ेंगे
जयपुर(हलचल)
राजस्थान के झोटवाड़ा में आयोजित व्हाइस ऑफ मीडिया के राज्य अधिवेशन में संस्थापक एवं अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप काळे ने पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और भविष्य को लेकर सरकार के सामने बेहद स्पष्ट और मजबूत माँगें रखीं। पत्रकारों की उपस्थिति में उन्होंने हुंकार भरी
"हम कोई चुनाव जीतने नहीं आए हैं — हम पत्रकार हैं, और हमारी कलम ही हमारा अस्त्र है!"
काळे ने कहा कि पत्रकार आज देश के सबसे असुरक्षित वर्गों में से एक बन चुके हैं। रोज़ धमकियाँ, झूठे मुकदमे, शारीरिक हमले और सरकारी दमन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पत्रकार सुरक्षा कानून अब केवल एक माँग नहीं, बल्कि ज़रूरत है
उन्होंने कहा कि आज डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे YouTube, पोर्टल्स, सोशल मीडिया पर सैकड़ों युवा पत्रकार का काम कर रहे हैं। इन डिजिटल पत्रकारों को भी सरकार द्वारा मान्यता, विज्ञापन और सुरक्षा दी जानी चाहिए। वे भी सच्चाई को सामने लाने का काम कर रहे हैं।
सरकार राज्य पत्रकार आयोगकी स्थापना करे, जो पत्रकारों की शिकायतें, उत्पीड़न और अन्याय की घटनाओं पर कार्रवाई करेगा
उन्होंने यह भी माँग की कि तहसील व ग्रामीण पत्रकारों के लिए पत्रकार आवास योजना, पत्रकारों के बच्चों के लिए शिक्षा में विशेष सुविधा, और महिला पत्रकारों के लिए सुरक्षा प्रकोष्ठ की शुरुआत हो।इस अवसर पर 13 सूत्रीय मांग पत्र अधिवेशन में सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिन्हें जल्द ही मुख्यमंत्री और सूचना विभाग को सौंपा जाएगा अगर सरकार माँगों को अनसुना करती है, तो व्हॉईस ऑफ मीडिया आंदोलन की राह चुनेगा। अब पत्रकार चुप नहीं बैठेंगे। जब पत्रकार एकजुट होते हैं, तो सत्ता की नींव हिलती है — और हम यही करने जा रहे हैं
इस कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष गोपाल गुप्ता, आनंद गुप्ता, मंजू शर्मा, कैलाश चंद्र शर्मा शुभम् शर्मा राजेंद्र शर्मा, नरेश जाजू, प्रतीक जैन, पुष्पा सोनी बाबूलाल सहित अनेक प्रदेश भर के पत्रकार उपस्थित थे
