डंपर से 678 किलो डोडा चूरा बरामद, नारकोटिक्स का हवलदार घायल

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने चित्तौड़गढ़ जिले में कोटा फोरलेन पर घोसुंडी के निकट मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। डंपर में फर्श के नीचे छिपा कर (गुप्त चैंबर बना) ले जाया जा रहा छह क्विंटल से ज्यादा डोडा चूरा पकड़ा है। इस मामले में चालक ने नारकोटिक्स के वाहन को टक्कर मारी तथा चलते हुए डंपर से कूदकर फरार हो गया। इसमें नारकोटिक्स का एक हवलदार घायल हो गया। नारकोटिक्स ने डोडा चूरा और डंपर जब्त कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
उप नारकोटिक्स आयुक्त, कोटा (राजस्थान) नरेश बुन्देल ने बताया की सीबीएन को एक विशेष सूचना मिली कि गुजरात रजिस्ट्रेशन नंबर का एक टाटा डंपर कनेरा घाटा क्षेत्र से मारवाड़ की ओर भारी मात्रा में अवैध डोडा चूरा लेकर जाने वाला है। इस गुप्त सूचना पर (सीबीएन) ने चित्तौड़गढ़ सेल के अधिकारियों की एक टीम गठित कर रवाना किया। टीम ने संदिग्ध मार्ग पर कड़ी निगरानी रख कर वाहन की पहचान की। इसके बाद टाटा डम्पर को कोटा-चित्तौडगढ़ राजमार्ग पर बस्सी गांव के पास रोकने की कोशिश की, लेकिन चालक ने डंपर नहीं रोका। नारकोटिक्स की टीम को देख कर डंपर की गति बढ़ा कर सरकारी वाहन एवं प्रिवेंटिव पार्टी को टक्कर मारने का प्रयास किया। उन्होंने बताया की सीबीएन के अधिकारियों ने डंपर का पीछा किया तथा कोटा-चित्तौड़गढ़ राजर्माग पर घोसुण्डी गांव के पास इसे रोक लिया। डम्पर का चालक चलते डम्पर से कूदकर भाग गया।
इस कार्रवाई के दौरान एक हवलदार को चोटें आई हैं। नारकोटिक्स की टीम ने डंपर की तलाशी ली। डंपर के अंदर विशेष रूप से बनाए गए गड्ढे में छिपाकर रखे 678.750 किलोग्राम वजन के कुल 38 प्लास्टिक बैग अवैध डोडा चूरा के बरामद किए हैं। कानूनी औपचारिकताओं को पूरी करने के बाद नारकोटिक्स ने बरामद अवैध डोडा चूरा को टाटा डंपर के साथ जब्त कर लिया। वहीं एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले में आगे की जांच प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ इसी तरह की कठोर कार्रवाई जारी रखेगा। इससे राज्य में नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि यदि किसी के पास नशा एवं मादक पदार्थ की तस्करी से संबंधित कोई जानकारी हो तो वह सीबीएन के निंयंत्रण कक्ष पर संपर्क कर सकते हैं तथा ईमेल पर भी जानकारी साझा कर सकते हैं। जानकारी देने वाले का नाम पूर्णतः गोपनीय रखा जाएगा।