दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस पर 15 महीेनों मे 95 लोग हुए हादसों का शिकार
अलवर (सुरेश शर्मा)। देश के दो महानगर दिल्ली. मुम्बई को सीधा जोड दूरी कम करने तथा कम समय में आराम शुरूआती दौर से ही वाहन चालकों के लिए दुर्घटनाओं का कारण बना हुआ है। एक्सप्रेस वे शुरू हुए करीब 15 महीने हुए हैं लेकिन इस पर अब तक 95 से ज्यादा लोग सडक हादसों का शिकार बन चुके हैं। अलवर क्षेत्र में ही 25 से ज्यादा लोग इस एक्सप्रेस वे पर अपनी जान गवां चुके हैं। इनमें भाजपा नेता मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रा की गत 28-29 जनवरी को भीषण हादसे में जान जा चुकी है।
यह चिंता का विषय है कि दिल्ली. मुम्बई एक्सप्रेस वे पर वाहन चालक भारी टोल चुकाने के बाद भी सुरक्षित नहीं है। इसका बडा कारण एक्सप्रेस वे पर मॉनिटरिंग की कमी माना जा रहा है। हालांकि वाहनों को दुर्घटना से बचानों के लिए इस एक्सप्रेस वे को जमीन तल से उचाई पर बनाया गया, जिससे लावारिस पशु, छोटे वाहन, टैक्टर टॉली आदि से यहां नहीं पहुंच सके लेकिन मॉनिटरिंग के अभाव में लावारिस पशु एक्सप्रेस पर बेखोफ पहुंच वाहन चालकों की जान ले रहे हैं। यह देखा गया कि एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ अवैध रूप से ट्रक भी खड़े रहते हैं, जिनके चलते भी दुर्घटनों में इजाफा हो रहा है।
ओवर स्पीड भी एक्सप्रेस पर हादसों का कारण
एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण वाहनों का ओवर स्पीड में चलना है बताया गया है। निर्माण कम्पनी की ओर से इस एक्सप्रेस वे को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से वाहन चलाने के लिए तैयार किया गया है। वाहनों को इस निर्धारित स्पीड तक ही चलाने की अनुमति है। एनएचएआई की ओर से पर्याप्त मॉनिटरिंग की व्यवस्था नहीं होने से यहां वाहन 200 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड तक दौड रहे हैं। अधिक स्पीड होने के कारण चालक वाहनों पर कंट्ोल नहीं कर पाते है। जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
सीसीटीवी कैमरे भी हो रहे है नाकाम
एक्सप्रेस वे हाई टेक्नोलॉजी के थर्मल कैमेरे लगे है। हर 100 मीटर की दूरी पर लगे इन हाई टेक्नोलॉजी के थर्मल कैमरों का कार्य वाहनों की ओवर स्पीड को डिटेक्ट कर यातायात पुलिस एवं एनएचएआई अधिकारियों को सूचना देना होता है। परंतु इस हाई टेक्नोलॉजी के कैमरों के बाद भी वाहनों की ओवर स्पीड पर नियंत्रण नहीं लग पाने से निरंतर दुर्घटना बढ़ रही है। साथ ही एक्सप्रेस वे पर वाहनों को घूमने के लिए कई जगह कट बनाए गए हैं, लेकिन इनमें ज्यादातर कट एल शेप में बने हैं, जिन पर वाहनों के घूमते समय पीछे से तेज गति से आने वाले वाहन टकरा जाते हैं।
प्रत्येक 5 किलोमीटर पर एक्सप्रेस वे लाइन बनाई
एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक 5 किलोमीटर की दूरी पर ज़ेबरा क्रॉसिंग की तरह लाइन बनाई गई है। पर यह कारगर नहीं हो रही है। अधिकारियों का कहना कि अब दो से ढाई किलोमीटर पर इस तरह की लाइन बनाई जाएंगी, जिससे यदि ड्राइवर को नींद की झपकी भी आ रही है तो इन पर से गुजरने के बाद अचानक गाड़ी हिले और वह नींद से जाग जाए। एक्सप्रेस वे पर प्लांटेशन की जगह पर अलग तरह के बोर्ड लगाने की योजना बन रही है अगर कोई गाड़ी एक्सप्रेस से नीचे उतरती है तो उसकी रफ्तार धीरे हो सके।
बाउंड्री वॉल को तोड देते है राहगीर
एनएचएआई के आधिकारी का कहना है कि स्थानीय राहगीर बाउंड्री वॉल को बार.बार तोड़ देते है। इस कारण आवारा पशु एक्सप्रेस वे पर पहुंच जाते हैं। टूटी हुई बाउंड्री वॉल की कई बार रिपेयरिंग भी की जा चुकी है। अब ऐसे लोगों को नोटिस इशू किए जा रहे हैं। पुलिस से भी पेट्रोलिंग व्यवस्था सुचारु करने को कोऑर्डिनेटर किया जा रहा है।