जयपुर, जोधपुर और उदयपुर एयरपोर्ट पर अफरा तफरी, इंडिगो सेवा ठप होने से यात्री कतारों में परेशान

Update: 2025-12-06 10:16 GMT

जयपुर |राजस्थान में पिछले 24 घंटों में इंडिगो की करीब 45 उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उड़ानें कम होने का सीधा असर किराए पर पड़ा और अन्य एयरलाइनों ने किराया कई गुना बढ़ा दिया। जयपुर से दिल्ली का सामान्य किराया जहां 3-4 हजार रुपये होता है, वहीं यह बढ़कर 20–24 हजार रुपये तक पहुंच गया है। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी अपने किराए 14 हजार से 25 हजार रुपये के बीच कर दिए हैं। जयपुर–मुंबई रूट पर टिकट 35 से 40 हजार रुपये प्रति पैसेंजर तक बिक रही है।

गुरुवार और शुक्रवार को जयपुर और जोधपुर एयरपोर्ट पर 45 से ज्यादा उड़ानों का परिचालन प्रभावित रहा। एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार शनिवार को भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। बुकिंग पोर्टल्स पर आज जयपुर से दिल्ली के लिए इंडिगो की कोई भी फ्लाइट उपलब्ध नहीं दिखाई जा रही है।

आने वाले दिनों की बुकिंग में भी इंडिगो की कई उड़ानों पर एक दिन का संभावित डिले दिखाया जा रहा है। स्थिति इतनी अव्यवस्थित है कि एयरलाइन काउंटरों पर यात्रियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। ज्यादातर यात्रियों को केवल रिफंड का भरोसा देकर भेजा जा रहा है। कई लोग पिछले 48 घंटे से बिना होटल, टैक्सी और खाने-पीने की सुविधा के फंसे हुए हैं। शिकायत पर इंडिगो स्टाफ केवल इतना कह रहा है कि सॉरी, हम कुछ नहीं कर सकते। बेवजह डायवर्जन के चलते कई यात्रियों को मनचाही मंजिल की जगह जयपुर एयरपोर्ट पर ही उतार दिया गया, जिससे अफरा-तफरी और बढ़ गई है।

उदयपुर का भी बुरा हाल

उदयपुर में शुक्रवार को डबोक एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक पूरी तरह प्रभावित रहा। जिसके चलते बेंगलुरु से उदयपुर आने वाली सुबह 11 बजे की फ्लाइट करीब 6 घंटे देरी से शाम 5 बजे पहुंची। कई यात्री टर्मिनल पर घंटों इंतजार करते रहे और बार-बार एप व काउंटरों पर अपडेट लेते रहे। यात्रियों का कहना था कि उड़ान रद्द होने की जानकारी आखिरी समय पर भेजी गई, जबकि वे पहले ही एयरपोर्ट पहुंच चुके थे।

इसी बीच स्थिति और खराब तब हुई जब अन्य एयरलाइंस ने किराए बढ़ा दिए। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु रूट पर टिकटें अचानक कई हजार रुपये महंगी हो गईं। दुगुना किराया चुकाकर टिकट लेने को मजबूर यात्री परेशान दिखाई दिए। कई लोग ऐसे भी थे जो नया किराया वहन नहीं कर पाए और उन्हें यात्रा टालनी पड़ी। रिफंड और री-बुकिंग के लिए यात्रियों की भीड़ काउंटरों पर लगी रही। यात्रियों का आरोप था कि स्टाफ कम था और जानकारी स्पष्ट नहीं दी जा रही थी, न यह बताया गया कि समस्या कब तक रहेगी और न यह कि स्थिति कब सुधरेगी।

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