प्राथमिक शिक्षा में मानसिक स्वास्थ्य की नई पहल: खुशीशाला कार्यक्रम शुरू

Update: 2025-12-06 06:56 GMT

चित्तौड़गढ़ में 3 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न– राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर ने प्राथमिक शिक्षा में वेलबीइंग और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “खुशीशाला – खुद की खोज” कार्यक्रम आरंभ किया है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान,चितौड़गढ़ में दिनांक 3 दिसंबर से 5 दिसंबर 2025 तक आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन डाइट प्रधानाचार्य राकेश कुमार पारीक और प्रशिक्षण प्रभारी  राकेश सुखवाल ने किया।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कक्षा 1 से 5 के बच्चों में मानसिक, भावनात्मक और नैतिक मूल्यों का संतुलित विकास करना है। कार्यक्रम का लक्ष्य विद्यार्थियों को ऐसा वातावरण देना है, जहाँ वे सुरक्षित महसूस करें, अपने मन को समझ सकें और सीखने का आनंद ले सकें।

राजस्थान इस दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनकर उभरा है। खुशीशाला के लिए तैयार शिक्षक संदर्शिकाएँ तीन वर्षों की गहन अकादमिक शोध प्रक्रिया का परिणाम हैं। इस पहल में RSCERT निदेशक  श्वेता फगेड़िया, डिप्टी डायरेक्टर   पीयूष कुमार जैन और प्रभागाध्यक्ष  आभा शर्मा का मार्गदर्शन रहा है।

वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य बच्चों के सामने उभरती बड़ी चुनौती बन चुका है। शुरुआती उम्र में ही करियर और प्रतिस्पर्धा का दबाव बढ़ रहा है, जिसका प्रभाव किशोरावस्था में अवसाद और आत्महत्या जैसे गंभीर व्यवहारों के रूप में दिखाई दे रहा है। ऐसे माहौल में यह जरूरी है कि स्कूल बच्चों के लिए सहयोगी और भरोसेमंद स्थान बनें।

“खुशीशाला – खुद की खोज” प्रशिक्षण से शिक्षक बच्चों में स्व-जागरूकता, आत्म-नियमन, करुणा और जीवन मूल्यों को विकसित करने की दिशा में काम करेंगे। उम्मीद है कि इस पहल से बच्चे अधिक संतुलित, संवेदनशील और आत्मविश्वासी बनेंगे और आगे चलकर देश के विकास में जिम्मेदारी से योगदान दे सकेंगे।

कार्यक्रम के अंत में यह साझा किया गया कि राज्य में लंबे समय से कार्यरत एनजीओ क्षमतालय फाउंडेशन ने प्रशिक्षण सामग्री और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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