वर्धमान भवन का भव्य लोकार्पण

चित्तौड़गढ़ , जैन समाज मंडल समिति प्रताप नगर द्वारा नवनिर्मित आराधना स्थल वर्धमान भवन का लोकार्पण शुक्रवार को जिन शासन प्रभाविका अनुष्ठान आराधिका साध्वी डॉ.कुमुद लता म सा,स्वर सम्राज्ञी महाप्रज्ञा म सा, वास्तु शिल्पी महासती श्री पदम कीर्ति म सा, महासती राजकीर्ति म सा की निश्रा में लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के सहकारिता और नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम दक ,विशिष्ट अतिथि सांसद सी पी जोशी,चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या,बेगूं विधायक डा.सुरेश धाकड़,पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाडावत और लोकार्पणकर्ता अनिल,अतुल शिशोदिया परिवार द्वारा संपन्न हुआ। लोकार्पण से पूर्व महासती डॉ कुमुद लता म सा आदि
ठाणा4 की प्रतापनगर रमेश मेहता के निवास से शोभायात्रा के साथ विहार यात्रा प्रारंभ हुई जो वर्धमान भवन पहुंच कर संपन्न हुई । वर्धमान भवन का लोकार्पण अतिथियों द्वारा मोलीबंधन खोलकर किया गया। लोकार्पण के बाद आयोजित समारोह में जिन शासन प्रभाविका एवं अनुष्ठान आराधिका साध्वी डॉ कुमुद लता म सा ने अपने प्रवचन में कहा कि इस क्षेत्र में विहार के समय साधु संतों और साध्वियों के विश्राम के लिए स्थान की पांच दशकों से आवश्यकता थी जिसे आज मूर्त रूप मिला है। इस भवन के निर्माण हो जाने से कुंभानगर प्रतापनगर क्षेत्र के जैन परिवारों में सामायिक, स्वाध्याय,प्रतिक्रमण, पौषध, जैन संस्कारों हेतु पाठशाला और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए जागृति बढ़ेगी तभी इस भवन का सदुपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक माली उपवन को निरंतर जल, खाद, बीज से संचित करते हुए फूल खिलाता है उसी प्रकार आप सभी को भी इस भवन को उपवन समझकर धार्मिक प्रवृत्तियों को जल की तरह सिंचित कर यहां ज्ञान के पुष्प खिलाने हैं। उन्होंने कहा कि यह सकल जैन समाज का भवन बना है यह बहुत सराहनीय है। उन्होंने वर्धमान भवन निर्माण में तन मन धन से सेवा देने वाली कार्यकारिणी के अध्यक्ष बलवंत बाघमार और उनकी पूरी कार्यकारिणी को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की। जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ आवश्यक बैठक होने से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के सहकारिता और नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम दक के संदेश का वाचन सुधीर जैन ने किया। संदेश में उन्होंने कहा किसी भी सामाजिक भवन का निर्माण न केवल ईंट,सीमेंट और पत्थर को जोड़ता है अपितु वह व्यक्ति परिवार और समाज को भी जोड़ता है। सामाजिक भवन का निर्माण न केवल वर्तमान पीढ़ी को अपितु आने वाले कल के युवाओं को भी धार्मिक प्रवृत्तियों और सामाजिक सेवाओं के लिए एकजुटता का संदेश देता है। वर्धमान भवन के बन जाने से विहार के समय साधु संतों को ठहरने की उत्तम सुविधा उपलब्ध हो सकेगी जिसका सीधा-सीधा धर्म लाभ हम लोगों को ही मिलने वाला है । साधु संतों का आगमन सामाजिक चेतना को जागृत करता है। दक ने श्री जैन समाज मंडल समिति प्रताप नगर कुंभा नगर कार्यकारिणी के सदस्यों को साधुवाद दिया। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुम्भानगर प्रताप नगर का जैन समाज पहला ऐसा समाज है जिसने स्वयं अपने वित्त जुटा कर जमीन खरीदी और उस पर भव्य भवन का निर्माण किया है जो अन्य समाजों के लिए प्रेरणादायी है। समारोह में सभी अतिथियों और सभी पूर्व अध्यक्षों गोवर्धन सिंह शिशोदिया, नवल सिंह मोदी,गंभीर सिंह शिशोदिया,हस्तीमल चोरड़िया,सोहनलाल पोखरना,दिलीप नंदावत का मेवाड़ी पाग पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया गया। समारोह में भवन के कमरों के लाभार्थी रमेशचंद्र,प्रदीप कुमार, दीपक कुमार मेहता और प्रेमदेवी, नवरतन,प्रकाश,अनिल डांगी परिवार का सम्मान किया गया। समारोह में समिति अध्यक्ष बलवंत बाघमार ने स्वागत भाषण में वर्धमान भवन निर्माण में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग देने वाले प्रत्येक समाज जन का और दानदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि पूरी टीम के सहयोग से निर्धारित समय में वर्धमान भवन का निर्माण संपन्न हो पाया है। समिति मंत्री नरेंद्र पोखरना ने सभी का आभार व्यक्त किया। वर्धमान भवन के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने वाले दानदाता परिवार की ओर से अतुल शिशोदिया ने वर्धमान भवन के नींव से शिखर तक के सफर की विस्तृत जानकारी दी। समिति कोषाध्यक्ष दिनेश पटवारी की सक्रिय भूमिका की सभी ने भूरि भूरि प्रशंसा की। समारोह का संचालन डॉ कनक जैन और सुनीता सहलोत ने किया। लोकार्पण समारोह में जैन समाज के विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष ,मंत्री और कोषाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रावक श्राविकाएं सम्मिलित रहे। वर्धमान भवन लोकार्पण समारोह की पूर्व संध्या पर कुंभा नगर प्रताप नगर महिला मंडल अध्यक्ष मोनिका कांठेड़ के नेतृत्व में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। महासचिव ममता नंदावत ने बताया कि महिलाओं और बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पानी बचाओ, संयुक्त परिवार की महिमा,जैन स्थानक का महत्व ,जैन पाठशाला का बच्चों के जीवन में प्रभाव, संस्कारों का बीजारोपण आदि का संदेश दिया। वरिष्ठ श्राविका शशि सुराणा ने वर्धमान भवन में नियमित रूप से जैन पाठशाला संचालन का जिम्मा लिया जिसकी सभी ने अनुमोदना की। समिति मंत्री नरेंद्र पोखरना ने बताया कि गुरुवार प्रातः महामंत्र नवकार मंत्र का जाप प्रातः 8.15 से 9.15 बजे संपन्न हुआ।