अवरावली पर्वतमालाओं की रक्षा के लिए श्री बालाजी सेवा संस्थान ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

Update: 2025-12-19 09:08 GMT

अवरावली पर्वतमालाओं को बचाने को आगे आया श्री बालाजी सेवा संस्थान, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

चित्तौड़गढ़, राजस्थान। अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए अब देश और प्रदेश में बड़े स्तर पर जनजागरण अभियान तेज होता जा रहा है। यदि इसके लिए संघर्ष और आंदोलन करना पड़ा वो पीछे नहीं रहेंगे, देश के राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर हस्तक्षेप करे और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध की वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, अरावली को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे ताकि हमारी प्राकृतिक विरासत को बचाया जा सके। नहीं तो जनहित के इस मिशन पर वह पीछे नहीं हटेंगे। यह चेतावनी श्रीबालाजी सेवा संस्थान के नरेंद्र शर्मा ने दी है। आज उन्होंने एसडीएम के जरिए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। "श्री बालाजी सेवा संस्थान" ने ज्ञापन में बताया कि हम सब भारत वर्ष के लिए चिंतित नागरिक है, अरावली पर्वतमाला के अस्तित्व पर मंडरा रहे गंभीर खतरे के संबंध में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते है। केंद्र सरकार की सिफारिश के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश के तहत अरावली की परिभाषा को 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों के लिए सीमित कर दिया गया है, जिससे लगभग 90% अरावली क्षेत्र कानूनी संरक्षण से बाहर हो गया है। यह निर्णय पर्यावरण के लिए एक 'मृत्यु प्रमाण पत्र' के समान है, क्योंकि इससे इन पहाड़ियों में बेरोकटोक खनन और निर्माण गतिविधियों का रास्ता खुल जाएगा। अरावली पर्वतमाला न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे उत्तर-पश्चिम भारत के लिए एक प्राकृतिक रक्षा कवच है, जो थार रेगिस्तान को आगे बढ़ने से रोकती है, धूल भरी आंधियों से बचाती है, और भूजल रिचार्ज का कार्य करती है। अरावली से जुड़े इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अरावली पर्वतमालाओं को नहीं बचाया गया तो आने वाला समय देश के लिए भयावह होगा। खनन माफिया अरावली पर्वतमालाओं को खोखला कर बर्बाद कर देंगे। यह निर्णय खनन माफियाओं को लाभ पहुँचाएगा और जैव विविधता को नुकसान पहुँचाएगा। इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम थार मरुस्थल, राजस्थान और पश्चिमी भारत को भुगतना पड़ेगा। धूल और प्रदूषण बढ़ेगा जिससे दिल्ली- एनसीआर की हवा और खराब होगी। इन पहाड़ियों के दोहन से भूजल स्तर और नीचे जाएगा जिससे पानी की कमी और बढ़ेगी। ज्ञापन देने वाले में

संस्थान के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा, मनीष शर्मा, गणपत शर्मा, किरण खटीक, राधा वैष्णव, दुर्गेश लक्षकार, दीपिका गुर्जर, कल्पना नागर, पूजा धाकड़, अंजलि दाधीच, नीलम आमेटा, तारा भोई, नेहा प्रजापत, विमला माली सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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