राजस्थान के 11 जिलों को मिलाकर अलग ‘राज्य’ भील प्रदेश बनाने की उठी मांग

उदयपुर राजस्थान में अलग से भीलप्रदेश बनाने की मांग फिर तेज हो गई है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को मिलाकर अलग भील प्रदेश के गठन की मांग उठाई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक के बाद एक पोस्ट कर लिखा कि सरकार वास्तव में आदिवासी हितैषी है, तो आदिवासियों की जो मांग वर्षों से चली आ रही है, इस मांग को पूरा किया जाना चाहिए।
सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि- "भील प्रदेश" जो आदिवासी समुदाय के अस्तित्व और पहचान को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। भीलप्रदेश की माँग आजादी के पहले से ही उठती आई है, क्योंकि यहाँ के लोगों की संस्कृति, भाषा, बोली और रीति रिवाज दूसरे प्रदेशों से अलग है और आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को बचाने और उसके सरंक्षण के लिए जरूरी है।उन्होंने आगे लिखा कि 'भील राज्य की मांग को लेकर गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1913 में 1500 से अधिक आदिवासी मानगढ़ पर शहीद हुए थे। आजादी के बाद भील प्रदेश को चार राज्य में बांटकर इस क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय किया। गोविंद गुरु के नेतृत्व में शहीद हुए 1500 से अधिक शहीदों के सम्मान में भील प्रदेश राज्य बनाना है।'