जोधपुर मंडल का विद्युतीकरण पूरा, इन तीन प्रमुख ट्रेनों का इलेक्ट्रिक इंजन से होगा संचालन

रेलवे लोकप्रिय मंडोर सुपरफास्ट सहित तीन जोड़ी प्रमुख ट्रेनों का डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन प्रारंभ कर रहा है, जिसमें मालाणी एक्सप्रेस भी शामिल है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि जोधपुर मंडल पर संपूर्ण विद्युतीकरण के पश्चात चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन प्रारंभ किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी के तहत यात्री सुविधा में वृद्धि एवं रेलवे की महंगे डीजल पर निर्भरता में कमी लाने के महत्ती उद्देश्य से रेल प्रशासन द्वारा जोधपुर-दिल्ली-जोधपुर-मंडोर एक्सप्रेस सुपरफास्ट, दिल्ली-बाड़मेर-दिल्ली मालाणी एक्सप्रेस सुपरफास्ट और बाड़मेर-मथुरा-बाड़मेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों का इसी माह से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से संचालन प्रारंभ किया जाएगा।
डीआरएम ने बताया कि इसके तहत ट्रेन 22996/22995, जोधपुर-दिल्ली-जोधपुर मंडोर सुपरफास्ट जोधपुर से 27 जून शुक्रवार और दिल्ली से 28 जून शनिवार से एंड टू एंड इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेंगी। इसी तरह ट्रेन 20488/20487, दिल्ली-बाड़मेर-दिल्ली, मालाणी एक्सप्रेस दिल्ली से एक जुलाई और बाड़मेर से 30 जून से डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से चलेगी।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में ट्रेन 20490/20489, बाड़मेर-मथुरा-बाड़मेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (द्विसाप्ताहिक) बाड़मेर से 27 जून शुक्रवार से तथा मथुरा से 28 जून से प्रारंभ से अंतिम स्टेशन तक डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेगी।
ट्रेन के डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से चलने के फायदे
इलेक्ट्रिक ट्रेन पर्यावरण अनुकूल होती, लागत में बचत, बेहतर प्रदर्शन और बेहतर परिचालन होता है।
डीजल की खपत कम होती है, जिससे ईंधन पर होने वाले खर्च में बचत होती है।
इलेक्ट्रिक इंजनों की रखरखाव लागत डीजल इंजनों की रखरखाव लागत की तुलना में कम होती है।
इलेक्ट्रिक इंजन तुरंत गति पकड़ते हैं, शांत चलते हैं और ऊर्जा दक्षता में वृद्धि और कार्बन उत्सर्जन में कमी में कमी आती है।