छाती पर हनुमान बेनिवाल का टैटू... कार्यकर्ता की आत्महत्या ने पुलिस के लिए खड़ी की नई चुनौती
जयपुर के भणियाणा थाना क्षेत्र के रातड़िया गांव में एक सनसनीखेज घटना ने राजस्थान पुलिस के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के कार्यकर्ता, 20 वर्षीय दूदाराम की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। दूदाराम ने अपने सुसाइड नोट में जोधपुर के एक युवक द्वारा धमकाए जाने और फलोदी पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया है, जिसने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है।
घटना का विवरण
मंगलवार सुबह रातड़िया गांव के शिवनाथ सिंह नगर में दूदाराम का शव उनके घर में बने पानी के हौद में मिला। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में RLP नेता हनुमान बेनीवाल को संबोधित करते हुए लिखा, "राजस्थान की पुलिस 1-2 लाख के चक्कर में किसी को भी मरवा सकती है।" इस नोट में जोधपुर के एक व्यक्ति द्वारा धमकाए जाने और फलोदी पुलिस द्वारा परेशान किए जाने का उल्लेख है। दूदाराम, जो खुद को हनुमान बेनीवाल का कट्टर समर्थक मानता था, ने अपने सीने पर बेनीवाल का टैटू भी बनवाया था, जो उसकी निष्ठा को दर्शाता है।
RLP कार्यकर्ताओं का आक्रोश
दूदाराम की मौत की खबर फैलते ही RLP कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। मंगलवार को मृतक के परिजन और पार्टी कार्यकर्ता भणियाणा सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गए और शव को मॉर्च्युरी से उठाने से इनकार कर दिया। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषियों को सजा दी जाए। स्थानीय पुलिस का कहना है कि मामला संदिग्ध है, और प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। लेकिन सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोपों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं।
हनुमान बेनीवाल का बयान
नागौर सांसद और RLP नेता हनुमान बेनीवाल ने इस घटना पर दुख जताते हुए त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "RLP सदस्य दूदाराम की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत दुखद है। मैंने राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में बात की है।" बेनीवाल के इस बयान ने मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि अब यह केवल एक आत्महत्या का मामला नहीं, बल्कि पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता का सवाल बन गया है।
पुलिस के लिए चुनौती
इस घटना ने राजस्थान पुलिस के लिए एक जटिल चुनौती खड़ी कर दी है। सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की जांच न केवल पुलिस की साख को प्रभावित कर सकती है, बल्कि यह भी तय करेगा कि जनता का विश्वास कितना बरकरार रहता है। अगर आरोप सत्य पाए गए, तो यह पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका होगा। दूसरी ओर, RLP कार्यकर्ताओं का आक्रोश और धरना इस मामले को राजनीतिक रंग दे रहा है, जिससे जांच पर दबाव बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
दूदाराम की आत्महत्या न केवल एक परिवार का नुकसान है, बल्कि यह राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। पुलिस को अब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के जरिए इस मामले की तह तक जाना होगा। यह देखना बाकी है कि क्या इस घटना के पीछे की सच्चाई सामने आएगी और क्या दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। फिलहाल, यह मामला पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।
