हाईकोर्ट का सरकार को बड़ा झटका, एसआई भर्ती परीक्षा रद्द

Update: 2025-08-28 08:58 GMT

जयपुर |राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 को रद्द कर दिया है। यह फैसला जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने सुनाया है। कोर्ट ने यह निर्णय 14 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद सुरक्षित रखे गए फैसले में दिया। करीब एक साल पहले 13 अगस्त को भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि एसआई भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 3 बार समय दिया गया था कि वह इस पर अपना कोई निर्णय ले, लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। इस परीक्षा में 3 लाख 80 हजार बच्चे बैठे थे। सरकार ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर एक कमेटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में परीक्षा रद्द नहीं करने की सिफारिश की थी।

सरकार और अभ्यर्थियों ने किया था विरोध

सरकार और चयनित अभ्यर्थियों ने भर्ती रद्द करने का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि गड़बड़ी सिर्फ 68 अभ्यर्थियों तक सीमित थी। सरकार की ओर से कोर्ट में बताया गया कि इस भर्ती में 54 ट्रेनी एसआई, 6 चयनित उम्मीदवार और 8 फरार अभ्यर्थियों की मिलीभगत सामने आई है। सरकार ने कहा कि हम पेपर लीक में शामिल लोगों को पकड़ रहे हैं और सही-गलत की पहचान संभव है। इसलिए पूरी भर्ती रद्द करने की जरूरत नहीं। दूसरी ओर चयनित अभ्यर्थियों का कहना था कि उन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी है और कई लोग तो अन्य सरकारी सेवाओं से इस्तीफा देकर इस भर्ती में शामिल हुए हैं। यदि पूरी प्रक्रिया रद्द की जाती है तो यह ईमानदार उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा। अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि मामले की जांच एसओजी कर रही है, जो दोषियों पर कार्रवाई कर रही है। हालांकि कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया कि संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया ही भ्रष्टाचार से प्रभावित रही और उसे रद्द करना न्यायसंगत है।

बेनीवाल बोले- सरकार के बड़े नेता नहीं चाहते थे भर्ती रद्द हो

मामले में लगातार आंदोलन कर रहे नागौर सांसद और आरएलपी चीफ हनुमान बेनीवाल का कहना है कि इस मामले को लेकर हमारा 146 दिन से जयपुर में बड़ा आंदोलन चल रहा था। इसमें हमने डेढ़ लाख लोगों की रैली की, जेल भरो आंदोलन किया, राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया। लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया।

ऑल पार्टी मीटिंग में जेपी नड्ढा ने कहा था कि पेपर लीक की घटना बहुत शर्मनाम है और हम इस पर चर्चा करवाएंगे। बेनीवाल ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में चुनाव के दौरान वादा किया था कि राजस्थान में उनकी सरकार आई तो पेपर लीक माफिया को पाताल से भी ढूंढकर निकालेंगे लेकिन सरकार अपने कुछ बड़े नेताओं के दबाव में थी।

किरोड़ी बोले ये सत्य की जीत

सरकार के रुख के उलट भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग करते आ रहे कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने भी फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह जनभावनाओं के अनुकूल फैसला हुआ है। यह सत्य की जीत है। संघर्ष की जीत है। मैंने इस मुद्दे पर आंदोलन किया था। यदि पूर्ववर्ती सरकार में सीएम रहे अशोक गहलोत इस पर निर्णय कर देते तो बच्चों को 2 साल तक जूझना नहीं पड़ता।

नई भर्ती में जोड़ेंगे 897 पद

याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने बताया कि हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल हुई है। आरपीएससी सदस्य तक इसमें शामिल रहे हैं। अब होने वाली नई भर्ती में 897 पद और जोड़े जाएंगे।

कोर्ट ने फैसले में ये कहा

कोर्ट ने फैसले में कहा कि इस भर्ती के पेपर का पूरे प्रदेश में प्रसार हुआ है। इसके अलावा पेपर लीक में आरपीएससी के छह सदस्यों की भूमिका पाई गई थी। ब्लूटूथ गैंग के पास भी भर्ती का पेपर पहुंचा। ऐसे में इस भर्ती को जारी नहीं रखा जा सकता।

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