निर्वाचन आयोग के 18 नवाचार: चुनाव प्रणाली को पारदर्शी, समावेशी एवं प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

निर्वाचन आयोग के 18 नवाचार
चुनाव प्रणाली को पारदर्शी, समावेशी एवं प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी एवं आधुनिक बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई 18 नवाचारी पहलों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन राजस्थान में प्रारंभ हो चुका है। यह जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने दी। महाजन ने बताया कि इन नवाचारों को छह प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जो मतदाता सुविधा, राजनीतिक दलों के साथ समन्वय, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, निर्वाचन कार्मिकों का सशक्तिकरण और प्रशासनिक सुधार से संबंधित हैं।
मतदाता सुविधा को प्राथमिकता एवं राजनीतिक दलों के साथ संवाद
महाजन ने बताया कि एक मतदान केंद्र पर अब अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय की गई है। घनी बस्तियों व बहुमंजिला इमारतों में अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। मृत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए आरजीआई डेटाबेस से सीधी जानकारी प्राप्त की जाएगी। इसी प्रकार राजस्थान में डीईओ व ईआरओ स्तर पर 1100 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों की बैठकों का आयोजन करने के साथ ही प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ संवाद स्थापित किया गया। बूथ लेवल एजेंट्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आईआईआई डीईएम के माध्यम से आयोजित किये गए है।
प्रक्रियागत सुधार तथा कानूनी सुधार एवं प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि ईसीआईएनईटी डैशबोर्ड लॉन्च किया गया जो सभी निर्वाचन सेवाएं एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है। ईपीआईसीटी नंबर अब पूर्णतः अद्वितीय होगा जिससे डुप्लीकेट पहचान पत्र की समस्या समाप्त होगी। 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान कर उन्हें आरपी अधिनियम के अनुरूप प्रशिक्षण सामग्री प्रदान की जा रही है।
निर्वाचन कार्मिकों का सशक्तिकरण तथा प्रशासनिक सुधार
बिएलओएस को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। राजस्थान से 67 बिएलओ पर्यवेक्षकों का पहला दल 26-27 मई को आईआईआई डीईएम, नई दिल्ली में प्रशिक्षण लेगा। एसएमएनओएस, एमएनओएस एवं बिहार पुलिस अधिकारियों के लिए भी उन्मुखीकरण सत्र संपन्न हुए।
आयोग कार्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी व ई-ऑफिस प्रणाली लागू। मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक स्पष्ट और उपयोगी बनाया गया है। सीईओ के साथ नियमित बैठकें कर क्रियान्वयन की सतत निगरानी की जा रही है।