राजस्थान की गोल्ड और तांबे समेत कई खानों की होगी नीलामी, सरकार को इतना मिलेगा राजस्व

Update: 2024-11-18 09:53 GMT

जयपुर । देश में कीमती खनिज की खानों की नीलामी में पहले नंबर पर चल रहे राजस्थान में जल्द गोल्ड, तांबा, सिलिसियस अर्थ व लाइम स्टोन की खानों की नीलामी और की जा रही है। राजस्थान अभी कीमती धातुओं की 86 खानों की नीलामी कर पहले नंबर पर चल रहा है। इन खानों से प्रदेश सरकार को 50 साल में 2.65 लाख करोड़ की आय होगी। बताया जा रहा है कि 20 और खानों की नीलामी से भी 50 साल में सरकार को लगभग 1 लाख करोड़ रुपए का और राजस्व मिलेगा। इससे निवेश को पंख लगेंगे।

राजस्थान में 82 प्रकार के खनिज मौजूद हैं। इनमें से अभी 57 प्रकार के खनिजों का खनन हो रहा है। देश में प्रधान खनिजों की नीलामी की प्रक्रिया 2016-17 से चल रही है। पहले साल प्रदेश में मात्र 3 खानों की नीलामी हो सकी।

यह दौर वर्ष 2022-23 तक धीमा रहा, लेकिन 2023-24 से तेजी आई है। चालू वर्ष में 32 माइनिंग लीज और कंपोजिट लाइसेंस की नीलामी कर रेकॉर्ड 86 खानों की नीलामी हो चुकी है। अब 20 और खानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले चरण की जिन 86 खानों की नीलामी की गई है, इनमें 72 खानों में मिनरल की खोज खान विभाग के स्तर, 12 में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और 2 में खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड की ओर से की गई थी।

प्रदेश में आगामी दिनों में कीमती मिनरल के 122 ब्लॉक चिह्नित किए जा रहे हैं। जिन ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस दिए जाएंगे वे पहले खनिज खोज करेंगे, उसके बाद खनन कर सकेंगे।

नागौर में 39, ब्यावर में 11, जैसलमेर 6, बांसवाड़ा में 5, सीकर, करौली और चित्तौड़गढ़ में 4- 4, उदयपुर और भीलवाड़ा में तीन-तीन, झुंझुनूं और जयपुर में 2-2, कोटा, राजसमंद और बाड़मेर में एक-एक।

खान विभाग ने 20 खानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है, इनमें 17 माइनिंग लीज और 3 कंपोजिट लाइसेंस ब्लॉक दिए जाएंगे। यह खानें गोल्ड, कॉपर, मैगनीज, लाइमस्टोन और सिलीकोसिस अर्थ की हैं।

देश में मेजर मिनरल खानों की नीलामी में राजस्थान पहले नंबर पर है। प्रदेश में अब तक 86 खानें 19260 हेक्टेयर क्षेत्र में नीलामी से आवंटित की गई हैं। जबकि मध्य प्रदेश में नीलामी से 75 खानें 14786 हेक्टेयर क्षेत्र में दी गई हैं। ओडिशा तीसरे नंबर पर है, जहां 48 खानें 12600 हेक्टेयर क्षेत्र में दी गई हैं।

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