जयपुर कैंसर अस्पताल में जिस बच्चे को चूहों ने कुतरा, इलाज के दौरान मौत, अस्पताल की लापरवाही उजागर

Update: 2024-12-13 12:15 GMT

जयपुर। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (एससीआई), जयपुर में एक 10 वर्षीय ब्लड कैंसर पीड़ित बच्चे की दर्दनाक मौत ने सरकारी अस्पतालों की स्वच्छता और प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर किया है। अस्पताल में भर्ती इस बच्चे के पैर का अंगूठा चूहों ने कुतर दिया था। शुक्रवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

घटना के मुताबिक 11 दिसंबर को प्रताप नगर स्थित एससीआई के पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती इस बच्चे को चूहों ने रात में सोते समय काटा। परिजनों ने जब बच्चे के दर्द से रोने पर कंबल हटाया, तो उन्होंने देखा कि उसके पैर का अंगूठा चूहों ने कुतर दिया था। पैर से खून बह रहा था, लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने सिर्फ पट्टी बांधने तक ही सीमित कार्रवाई की।

यह घटना तब घटी, जब बच्चे को ब्लड कैंसर के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इस हादसे के बाद अस्पताल की सफाई और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।

स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा ने घटना की पुष्टि की थी। कहा, "बच्चे को चूहे के काटने की जानकारी आने के तुरंत बाद उसका इलाज शुरू किया गया। सफाई व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।"

हालांकि, घटना के बाद सामने आए तथ्यों ने प्रबंधन की असफलता और सफाई व्यवस्था की दुर्दशा को उजागर किया है।

वार्डों की स्थिति : मरीजों और परिजनों ने बताया कि वार्डों में चूहे, कुत्ते और बिल्लियों का खुलेआम घूमना आम बात है। पिछले पांच दिनों से सफाई व्यवस्था ठप होने के कारण अस्पताल परिसर में गंदगी पसरी हुई है। ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों को वेतन न मिलने और नई फर्म को काम सौंपने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

लापरवाही का दायरा : एससीआई जैसा प्रतिष्ठित संस्थान, जो राजस्थान का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल है, ऐसी घटनाओं के कारण कटघरे में है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि अस्पतालों में स्वच्छता और सुरक्षा जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं की भी अनदेखी की जा रही है।

जयपुर के एससीआई में हुई इस घटना ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थागत खामियों को उजागर किया है। सफाई और सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान न देना न केवल मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी गंभीर असर डालता है। इस घटना की गहन जांच और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

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