अब घर बैठे दर्ज हो जाएगी एफआईआर, जानें नए 3 कानूनों के बारे में

Update: 2024-06-20 10:25 GMT

अब घर बैठे दर्ज हो जाएगी एफआईआर, जानें नए 3 कानूनों के बारे में

1 जुलाई से तीन नए कानून लागू होंगे। जानिए भारत के 3 नए कानूनों को बारे में। एक नए कानून के अनुसार घर बैठे भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी।

1 जुलाई से तीन नए कानून लागू होने वाले हैं। एक कानून के अनुसार अब घर बैठे भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। तीन दिन में दस्तखत करने जाना होगा। भारत सरकार ने पूर्व में लागू भारतीय न्याय संहिता 1860 दंड प्रक्रिया संहिता 1973 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को बदलकर नवीन कानूनी संहिताकरण किया है। तीनों कानून 1 जुलाई से लागू होंगे। प्रचलित सभी मुख्य कानून बदलेंगे। बदलाव के प्रति आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से आईजी एस. परिमला और एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला के मार्गदर्शन में एएसपी राजेश भारद्वाज ने विशेष प्रयास शुरू किया है। पुराने व नए कानूनों में हुए परिवर्तन को शृंखलाबद्ध ढंग से सारगर्भित शब्दों में जानिए…

परिवादी को एफआईआर की प्रति तत्काल उपलब्ध करानी होगी

भारतीय दंड संहिता 1860 यानी आईपीसी बदलकर अब भारतीय न्याय संहिता यानि बीएनएस-2023 होगी दंड प्रक्रिया संहिता-1973 का नाम अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानि बीएनएसएस 2023 होगा इंडियन एविडेंस एक्ट-1872 का स्थान भारतीय न्याय संहिता 2023 लेगी। कुछ विशेष शिकायतों पर पुलिस 14 दिन तक प्राथमिक जांच कर सकती है, लेकिन संज्ञेय अपराध में मुकदमा दर्ज करना ही होगा। अवहेलना पर सबन्धित पुलिस अधिकारी के विरूद्ध धारा 199 भारतीय न्याय संहिता के तहत प्रकरण दर्ज होगा। धारा 173 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में परिवादी को एफआईआर की प्रति तत्काल उपलब्ध करानी होगी।

बताएंगे केस की प्रगति

धारा 193 (3) (2) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अनुसार पुलिस परिवादी को दर्ज मुकदमे की प्रगति रिपोर्ट देगी। आशय यह कि मुकदमा दर्ज करने के 90 दिन बाद अनुसंधान अधिकारी मुकदमे की प्रगति रिपोर्ट परिवादी को देगा। (जैसा कि सदर थाना सीआई दिलीपसिंह ने बताया)

यह हुआ बदलाव

पूर्व में : सीआरपीसी की धारा 154(1) के तहत परिवादी सीधे पुलिस थाने, 154 (3) के तहत पुलिस अधीक्षक के पास जाकर या 156 (3) के तहत न्यायालय में परिवाद पेश करने पर संबंधित के आदेश से एफआईआर करवा सकता था।

अब : भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 173 (1) के अनुसार सीधे थाने पर, धारा 173 (4) पुलिस अधीक्षक के माध्यम से या धारा 175 (3) न्यायालय के माध्यम से एफआईआर हो सकेगी। धारा 173 (2) में नागरिकों को घर बैठे ऑनलाइन ई-एफआईआर की सुविधा। तीन दिन में थाने जाकर शिकायत पर हस्ताक्षर करना होगा। धारा 173 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में जीरो एफआईआर का प्रावधान। मुकदमा चाहे किसी भी क्षेत्र का हो, पुलिस को घटना उसके क्षेत्राधिकार की नहीं होने बावजूद दर्ज करना होगा।


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