धर्मांतरण पर नया कानून ला रही है भजनलाल सरकार, सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

Update: 2024-06-20 11:05 GMT

जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार धर्मांतरण के विरोध में नया कानून लाने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश एक हलफनामे में इसकी जानकारी दी है। हलफनामे में राज्य में विशिष्ट कानून लागू होने तक इस मामले पर मौजूदा न्यायिक दिशा-निर्देशों और केन्द्रीय निर्देशों का पालन करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की गई।

सुप्रीम कोर्ट को राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि प्रदेश में फिलहाल धर्म परिवर्तन के संबंध में कोई विशेष कानून नहीं है और उनकी इस संबंध में नया कानून बनाए जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर सख्ती से कर रही है और अब खुद का कानून लाने की प्रक्रिया में है।

राजे के कार्यकाल में लाया गया था कानून

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में धार्मिक स्वतंत्रता बिल लाया गया था। इसे विधानसभा से पारित भी करा लिया गया। लेकिन राष्ट्रपति से इसे मंजूरी नहीं मिल पायी थी। इसके चलते यह कानून नहीं बन सका था।

यह है मामला

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने साल 2022 में तमिलनाडु की घटना के आधार पर धर्मांतरण विरोधी मामलों की जांच करने और सख्त कानून लाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार के साथ ही सभी राज्यों से जवाब मांगा था। इस मामले पर राज्य सरकार ने हलफनामा पेश किया। 

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