कल आएंगे विधानसभा उपचुनाव के नतीजे, जानिये रिजल्ट से पहले किस खेमे में मची खलबली
जयपुर । राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे शनिवार को सामने आएंगे। चुनाव के नतीजे विधानसभा में बहुमत पर भले ही असर नहीं डालेंगे लेकिन राजस्थान की सियासत में ये बड़ा उलटफेर करने वाले होंगे। कद, पद और प्रतिष्ठा से जुड़े इन उपचुनावों में जानिए हवा किस दिशा में बह रही है।
जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं उन पर विधानसभा चुनाव, 2023 में कांग्रेस ने 4 और बीजेपी, आरएलपी व बीएपी ने 1-1 सीटों पर कब्जा जमाया था। हालांकि इस बार के चुनावों में वोटर का रुझान कुछ कम नजर आया। उपचुनाव में खींवसर की सीट छोड़कर शेष सभी 6 सीटों पर मुख्य चुनाव के मुकाबले वोटिंग घटी है। इन छह सीटों पर 5 से 12 प्रतिशत मतदान कम रहा है।
रामगढ़
रामगढ़ विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 78, वर्ष 2023 में 77 और इस बार वर्ष 2024 में 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर दिगवंत कांग्रेस नेता जुबेर खान के बेटे आर्यन खान का मुकाबला भाजपा के सुखवंत सिंह से है। यह सीट विधायक जुबेर खान के निधन के बाद खाली हुई ह
उल्लेखनीय है बीजेपी ने 2018 में ज्ञानदेव आहूजा का टिकट काटकर सुखवंत प्रत्याशी बनाया था, जो सफिया खान से चुनाव हार गए थे। इस सीट पर कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सुखवंत सिंह को इस सीट पर भूपेंद्र यादव का समर्थन है। भूपेंद्र यादव अलवर से सांसद बने और वे केंद्रीय मंत्री भी हैं। वहीं कांग्रेस कैंप में यह सीट नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की साख से जुड़ गई है।
झुंझुनू
झुंझुनू विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 70, 2023 में 71 और इस बार 66 प्रतिशत मतदान हुआ है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। बीते 6 चुनावों से कांग्रेस ही यहां से जीतती आई है।
इस सीट पर ओला परिवार का दबदबा रहा है और बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। इस सीट पर कांग्रेस से सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला व बीजेपी से राजेंद्र भांबू ने चुनाव लड़ा है लेकिन यहां सबसे ज्यादा चर्चा निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा की है। गुढ़ा कितने वोट काटेंगे, इस पर चुनावों का नतीजा निर्भर करेगा।
खींवसर
खींवसर विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 75, वर्ष 2023 में 73 और वर्ष 2024 में 76 प्रतिशत मतदान हुआ है। मूंडवा सीट के खत्म होने के बाद अस्तित्व में आई यह सीट हनुमान बेनीवाल का अभेद्य किला रही है। आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने इस बार भाई नारायण बेनीवाल का टिकट काटकर पत्नी कनिका बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया। वहीं बीजेपी ने आरएलपी छोड़कर आए रेवंतराम डांगा को मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने यहां से डॉ. रतन चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। बेनीवाल चार बार विधायक रह चुके हैं। वहीं लगातार दूसरी बार नागौर से सांसद हैं।
देवली -उनियारा
देवली -उनियारा में वर्ष 2018 में 71, वर्ष 2023 में 73 और वर्ष 2024 में 65 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। मतदान के दिन हुए थप्पड़ कांड और देर रात हुई हिंसा ने इस सीट को देश भर में चर्चाओं में ला दिया था। देवली-उनियारा से कांग्रेस के बागी नरेश मीणा ने निर्दलीय मैदान में उतरकर चुनाव को त्रिकोणीय और रोचक बना दिया। हालांकि नरेश मीणा पहले भी कांग्रेस से बगावत कर छबड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट से कांग्रेस के कस्तूरचंद मीणा और बीजेपी से राजेंद्र गुर्जर मैदान में हैं। यहां सांसद हरीश चंद्र मीणा और कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट का प्रभाव है।
सलूम्बर
सलूम्बर विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 70, वर्ष 2023 में 71 और वर्ष 2024 में 67 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां बीजेपी की लगातार जीत हो रही है। इस बार यहां त्रिकोणीय संघर्ष है। बीजेपी के अमृतलाल मीणा के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। भाजपा ने उनकी पत्नी शांतादेवी मीणा को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने उनके सामने रेशमा मीणा को मैदान में उतारा है। वहीं भारत आदिवासी पार्टी की तरफ से जितेश कटारा ने इसी सीट से चुनाव लड़ा है। यह सीट बेहद कांटे की टक्कर वाली होगी। यहां ट्राइबल जनसंख्या 49 प्रतिशत व 51 प्रतिशत नॉन ट्राइबल है।
चौरासी
चौरासी विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 77, वर्ष 2023 में 82 प्रतिशत और 2024 में 74 प्रतिशत मतदान हुआ। भारत आदिवासी पार्टी का गढ़ मानी जाती है यह सीट। यह आदिवासी बाहुल्य सीट है और भारत आदिवासी पार्टी का गढ़ है। यहां लगभग 90 प्रतिशत आबादी आदिवासी है। बीजेपी ने कारीलाल ननोमा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने युवा सरपंच महेश रोत को प्रत्याशी बनाया है। इस क्षेत्र में भारत आदिवासी पार्टी ने युवा पंचायत समिति प्रधान अनिल कटारा को प्रत्याशी बनाया है।
दौसा
दौसा विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 74, वर्ष 2023 में 79 और वर्ष 2024 में 62 प्रतिशत मतदान हुआ है। रामगढ़ विधानसभा सीट पर वर्ष 2018 में 78, वर्ष 2023 में 77 और इस बार वर्ष 2024 में 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस सीट के नतीजों पर सियासत की नजरें गड़ी हैं। दौसा सीट पर भाजपा ने किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पायलट समर्थक डीडी बैरवा को प्रत्याशी बनाया है। सांसद मुरारीलाल मीणा के दौसा से जीतने का बाद यह सीट खाली हुई थी। इस सीट पर किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट की साख की लड़ाई है।