राजस्थान में उद्योगों के लिए बिजली 2 से 3 रुपए प्रति यूनिट महंगी, उद्यमियों ने जताया आक्रोश
जयपुर। प्रदेश में उद्योगों के लिए दो से तीन रुपए प्रति यूनिट बिजली दर वृद्धि को लेकर राजस्थान के उद्यमियों ने तीव्र रोष व्यक्त किया है। जयपुर में विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के आव्हान पर सोमवार को एकत्र हुए 22 उद्योग संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वह सात दिन में उद्यमियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर बिजली सहित इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े अन्य मुद्दों के त्वरित समाधान की दिशा में आदेश जारी करे। अन्यथा उद्यमी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
उद्यमियों ने दावा किया कि पिछले दो महीनों में प्रदेश में हजारों छोटी बड़ी फैक्ट्रियां अपना उत्पादन रोकने को मजबूर हुई हैं जिसकी पुष्टि विभिन्न इंडस्ट्रियल एरिया में 25 प्रतिशत तक घटी बिजली खपत से हो रही है। इस अवसर पर संयुक्त उद्यमी संघर्ष समिति का भी गठन किया गया। संघर्ष समिति में जयपुर एवं आसपास के ग्यारह औद्योगिक क्षेत्रों के संगठनों के साथ ही यूकोरी, राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स, फोर्टी एवं सर्वाधिक बिजली खपत वाले उद्योगों के संगठनों राजस्थान स्टील चैंबर, प्लास्टिक मैन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान तथा फाउंड्री ऑनर्स एसोसिएशन जैसे संगठनों को शामिल किया गया है। बैठक में शामिल सभी प्रतिनिधियों ने इस बात पर रोष प्रकट किया कि राज्य सरकार कभी राइजिंग राजस्थान तो कभी प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन के नाम पर बाहर से लोगों को बुलाकर यहां उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित करती है जबकि दशकों से यहां कार्यरत उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने का कारण भी यही है कि यहां के उद्योगों का वातावरण देखकर बाहर से आने वाले भी निराश हो जाते हैं।
उद्यमियों का कहना है कि वे न केवल लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं बल्कि देश एवं प्रदेश की सरकारों को हजारों करोड़ रुपए विभिन्न टैक्स के रूप में चुकाकर राजस्व सहयोग भी करते हैं। इसके बावजूद राजधानी एवं जयपुर जिले के इंडस्ट्रियल एरिया भी सड़कों की खस्ता हालत के साथ ही ड्रेनेज, सीवरेज और पीने के शुद्ध पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। इसके बावजूद रीको ने गत दिनों प्रत्येक इंडस्ट्रियल एरिया के लिए प्रीवेलिंग दरों में लगभग दोगुनी वृद्धि कर दी जो मंदी के इस दौर में उद्योगों के लिए बहुत भारी पड़ रही है।
सीतापुरा में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा परीक्षा केंद्र खोलने का भी उद्यमियों ने कड़ा विरोध किया और बताया कि वहां लगभग हर दिन दो ढाई हजार परीक्षार्थियों के साथ ही उनके हजारों परिजन एवं अन्य वेंडर्स इकट्ठे हो जाते हैं जिससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की आशंका रहती है। परीक्षाओं के चलते मोबाइल जेमर लगा देने से आसपास के उद्योगों का कामकाज भी बुरी तरह से प्रभावित होता है। उनके सॉफ्टवेयर, मोबाइल बंद होने के साथ ही इंटरनेट से चलने वाले ईवे बिल एवं अन्य सेवाएं भी ठहर जाती हैं।
बैठक की अध्यक्षता वीकेआई एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सोमानी, महासचिव पुष्प स्वामी तथा यूकोरी अध्यक्ष नीलेश अग्रवाल ने की। राजस्थान स्टील चैंबर के अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, राजस्थान हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फोरम के कोऑर्डिनेटर नवनीत झालानी सहित पचास से अधिक उद्योग प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे।
