विश्व सिकल सेल दिवस पर जिले भर में हुई गतिविधियां

By :  vijay
Update: 2024-06-19 12:39 GMT

 राजसमंद (राव दिलीप सिंह) विश्व सिकल सेल दिवस पर जागरूकता के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलेभर में जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिला स्तर पर जिला परिषद् सीईओ हनुमान सिंह राठौड़ ने आर.के जिला चिकित्सालय से जागरूकता रैली को हरी झंडी बताकर रवाना किया। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश रजक, नर्सिंग अधिकारी प्रकाश वैष्णव, नानालाल कुमावत, एएनएमटीसी के प्रधानाचार्य अशोक पुरोहित उपस्थित थे।

सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने इससे पूर्व सिकल सेल एनीमिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सिकल सेल रोग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है, ये रक्त को प्रभावित करने वाली बीमारी है। इस रोग के कारण रक्त कोशिकाओं के भीतर हीमोग्लोबिन का स्तर प्रभावित होने लगता है। सिकल सेल रोग सबसे आम वंशानुगत रक्त विकार है। रक्त वाहिकाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा महत्वपूर्ण है, इसी के माध्यम से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार होता है। लोगो को जागरूक करने के उदे्श्य से प्रतिवर्ष 19 जून सिकल सेल जागरूकता दिवस का आयोजन किया जाता है।

उन्होंने बताया कि सिकल सेल पीढ़ी दर पीढ़ी फैलने वाली एक लाइलाज बीमारी है। भारत में यह अनुसुचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्ग में यह बीमारी मुख्यतः पाई जाती है। सिकल सेल रोग के मुख्य लक्षण तीव्र पीड़ा, पिली आंखे एवं शरीर, बार - बार बुखार आना, हाथ पैरो में सुजन, जल्दी थकान होना, खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होना है।

रैली में नर्सिंग छात्र - छात्रा, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षणार्थी शामिल थे। रैली ने सिकल सेल मुक्त राजस्थान के नारे लगाते हुए हाउसिंग बोर्ड , धोईन्दा एवं रीको एरिया में भ्रमण किया तथा आमजन में जागरूकता पैदा की गई।

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण संस्थान पर हुई कार्यशाला..........................

जिला मुख्यालय पर स्थित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण संस्थान में सिकल सेल जागरूकता को लेकर कार्यशाला को आयोजन किया गया। जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ सारांश सबल ने रोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह रोग मुख्यतया महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, ऑडिसा, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के आदिवासी अंचल उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपूर, प्रतापगढ़ में व्यापक है। उन्होंने बताया कि देश में राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मुलन मिशन 2047 की शुरूआत की गई है जिसमें वर्ष 2047 तक समुचे भारत को सिकल सेल मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होेंने इसके लिये प्रभावित क्षेत्रो का चयन कर, वहां की जा रही विभागीय गतिविधियों के बारें में जानकारी दी। इस अवसर पर एएनएमटीसी के प्रधानाचार्य, प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।

सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने बताया कि सिकल सेल दिवस पर चिन्हीत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो एवं ग्राम पंचायत पर सिकल सैल स्क्रीनिंग की गई तथा जागरूकता कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। 

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