एसएचजी महिलाओं के उद्यमों का निरीक्षण किया, आर्थिक सशक्तिकरण पर दिया जोर
राजसमंद । अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. सुमन अजमेरा ने 20 नवम्बर को राजसमंद ब्लॉक के राज्यावास ग्राम स्थित भैरूनाथ स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित उद्यम इकाइयों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने डेयरी यूनिट, मिल्क कलेक्शन सेंटर, सिलाई केंद्र एवं मसाला यूनिट में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया और समूह की उपलब्धियों की सराहना की।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास मिशन (राजीविका) की लखपति दीदी योजना ग्रामीण महिलाओं की वार्षिक आय को 1 लाख रुपये या उससे अधिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। योजना के तहत महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, तकनीकी मार्गदर्शन, वित्तीय सहयोग एवं विपणन सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। राजसमंद जिले में 73,000 महिलाओं को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 50,000 से अधिक महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन चुकी हैं।
भैरूनाथ स्वयं सहायता समूह की सदस्य सरिता कंवर को समूह लोन एवं बैंक लोन के माध्यम से उद्यम विस्तार के अवसर प्रदान किए गए। उन्होंने सरकारी विद्यालयों को मिड-डे मील हेतु मसाले उपलब्ध कराने, त्यौहारों पर हर्बल गुलाल की आपूर्ति, डेयरी कलेक्शन सेंटर के माध्यम से आय सृजन तथा सिलाई (जूट बैग निर्माण) जैसे विभिन्न कार्यों द्वारा अपने समूह को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया है। उनका मॉडल अन्य महिलाओं के लिए प्रेरक बन रहा है।
निरीक्षण के दौरान कृषि आजीविका जिला प्रबंधक मनीष कुमार मेवाड़ा एवं स्थानीय महिलाएँ भी उपस्थित रहीं। लखपति दीदी परियोजना जिले में महिला उद्यमशीलता, वित्तीय साक्षरता और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने में प्रभावी सिद्ध हो रही है, जिसके माध्यम से ग्रामीण महिलाएँ परिवार और समाज दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।