सिरोही में गुप्त ड्रग लैब का भंडाफोड़, 40 करोड़ के केमिकल जब्त; मास्टरमाइंड सहित 5 गिरफ्तार
जयपुर ,नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एनसीबी और राजस्थान पुलिस ने सरकार की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति को मजबूत करते हुए सिरोही जिले के एक दूरस्थ गांव में मेफेड्रोन बनाने वाली गुप्त प्रयोगशाला का पर्दाफाश किया है। संयुक्त कार्रवाई में सैकड़ों किलोग्राम रसायन जब्त किए गए, जिनसे करीब 100 किलोग्राम मेफेड्रोन तैयार किया जा सकता था। जब्त सामग्री की अनुमानित बाजार कीमत 40 करोड़ रुपये बताई गई है।
एनसीबी के अनुसार, मेफेड्रोन राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तेजी से फैल रहा साइकोट्रोपिक ड्रग है। इस मामले में प्रयोगशाला चलाने वाले मास्टरमाइंड सहित पांच लोगों को राजस्थान और गुजरात के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।
6 नवंबर 2025 को सिरोही पुलिस को धनत्राई गांव स्थित एक फार्म हाउस में संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिली। मौके पर पहुंचे अधिकारियों को लैब उपकरण, रसायनों से भरे ड्रम और कई पैकेट मिले। सूचना मिलने पर एनसीबी, जोधपुर की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से यह पुष्टि की कि यहां मेफेड्रोन निर्माण के लिए उपयोग होने वाले अग्रद्रव (प्रिकर्सर केमिकल) मौजूद थे।
जांच में खुलासा हुआ कि लैब का संचालन जालौर जिले के निवासी वाला राम कर रहा था। स्नातक वाला राम विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल रहने के बाद तेजी से पैसे कमाने की चाह में इस अवैध धंधे में शामिल हो गया। उसने अपने साथी भूरा राम के नाम पर धनत्राई गांव में फार्म हाउस पट्टे पर ले रखा था।
एनसीबी ने देशभर की जिला पुलिस को ऐसी गुप्त लैब की पहचान के लिए विशेष संकेत जारी किए हैं, जैसे काली या ढकी खिड़कियां, अधिक वेंटिलेशन, रसायनों के दाग, आवासीय स्थान का प्रयोगशाला में बदलना आदि। यह कार्रवाई ड्रग नेटवर्क पर कड़ी निगरानी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
