कांग्रेस जिलाध्यक्ष की नियुक्ति पर तीखा विरोध: ब्लॉक कार्यकारिणी ने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी
डीग जिले में कांग्रेस संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पार्टी द्वारा राजीव चौधरी को नया जिलाध्यक्ष बनाए जाने के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं में नाराजगी फूट पड़ी है। बुधवार को कई पदाधिकारियों ने इस निर्णय को गलत बताते हुए चेतावनी दी कि यदि नेतृत्व ने नियुक्ति पर पुनर्विचार नहीं किया तो ब्लॉक कार्यकारिणी सामूहिक इस्तीफा दे देगी।
पदाधिकारियों का आरोप है कि राजीव चौधरी मूल रूप से भरतपुर जिले के खेड़ली गड़ासिया गांव के रहने वाले हैं और फिलहाल गोपालगढ़ में निवास करते हैं। उनका कहना है कि चौधरी ने पहले भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाला काम किया था, इसके बावजूद सिफारिशों के आधार पर उन्हें जिलाध्यक्ष बना दिया गया।
भरतपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी इसी नियुक्ति पर कड़ा विरोध जताया। उनका आरोप है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। स्थानीय नेताओं के अनुसार, डीग में दूसरे जिले के व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाने के साथ भरतपुर में भी एक ही व्यक्ति को लगातार तीसरी बार पद दे दिया गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए था, लेकिन संगठन में वही लोग पद पाते हैं जिनके परिवार राजनीतिक रूप से मजबूत हैं।
पदाधिकारियों ने साफ कहा है कि वे वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन पद बांटने के समय सिफारिश और रिश्तेदारी को प्राथमिकता दी जाती है। यदि हालात नहीं बदले तो सामूहिक इस्तीफे की कार्रवाई की जाएगी। विवाद के बढ़ते स्वर को देखते हुए अब पार्टी नेतृत्व पर स्थिति संभालने का दबाव बढ़ गया है।