भूत और भविष्य दोनों मन की उपज है, आत्मा सदैव वर्तमान में है : बालयोगी मुनि श्रुतधरनंदी

Update: 2024-10-15 07:39 GMT

उदयपुर। गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुल्लक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि भूत और भविष्य दोनों मन की उपज है, आत्मा सदैव वर्तमान में है। आपके पास टाईम से पहुंचने का संस्कार है, मेरे पास लेट पहुंचने का संस्कार है तो राय देने से पहले चैक कर लेना कि सामने वाले के पास संस्कार कौनसे है इस राय को ईम्पलिमेंट करने के लिऐ और राय देते जाय रोज दे लेकिन ये एक्सपेटेसन नहीं रखना कि राय दी ईम्पलिमेंट होगी इसलिए नहीं कि क्योंकि सामने वाला कहना मानना नहीं चाहता इसलिए कि उनके पास वो संस्कार नहीं है? अभी, आपके पास सिंसरियिटि का संस्कार है आपके पास पंच्कुवलटी का संस्कार है, आपके पास हौनेस्टी का संस्कार है, आपके पास विश्वास करने का संस्कार है, इसका मतलब ये थोड़े है कि मेरे पास भी सेम संस्कार है हो सकता है ऐसा कि नहीं हो सकता। दूसरो को डराने की कोशिश केवल वही करता है जिसके मन में भय होता है जो निर्भय है वो कभी किसी को नही डराता है, तो हमारे अन्दर चैतना में कहीं भय है, तभी हम दूसरो को डराने की बात कर रहे है, निर्भय बनने का मतलब दूसरो पर दबदबा जमाना नहीं निर्भय होने का मतलब निद्वन्द होकर जीना ना भयभीत होना और न ही भयभीत करना।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, पुष्कर जैन भदावत, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत ने बताया मंगलवार को बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में श्रावक-श्राविकाओं ने गमेर बाग धाम में बिराजित मूलनायक भगवान की नित्य नियम पूजा-अर्चना की। उसके बाद पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा की। वहीं कई श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ से आशीर्वाद लिया। नित्य नियम पूजन, श्रीजी का महाअभिषेक, शांतिधारा, अखण्डा आराधना की एवं शाम को पद्मावती माता एवं क्षेत्रपाल बाबा की पूजा-अर्चना की गई।

इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, रविश जैन, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, भंवरलाल देवड़ा, मंजु गदावत, लक्ष्मी देवड़ा, सीता देवड़ा, जयश्री देवड़ा, अल्का भदावत, लक्ष्मी सिंघवी, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत राजेश गदावत, विक्रमदेवड़ा, विजय गदावत, जितेंद्र जोलावत, भूपेन्द्र मुंडफोडा, रितेश बोहरा, नितिन कोठारी, लोकेश जोलावत, जीतेश बोहरा, राकेश पंचोली, कल्पेश मुंडलिया, लोकेश देवड़ा, मुकेश गदावत, जीतेश खलुडिया, दिलीप चावंडिया, विनोद गुनावत, रितेश गुनावत अभिषेक देवड़ा, सतीश जोलावत, सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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