आराधना भवन में गुरु-गुण उत्सव का संगीतमय समारोह सम्पन्न
उदयपुर, । श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ मालदास स्ट्रीट के तत्वावधान में जैन हिन्दी साहित्य दिवाकर, जैनाचार्य पूज्य आचार्य रत्नसेन सूरिजी महाराज के आचार्य पदवी के15वें वर्ष में मंगल प्रवेश के अवसर पर मंगलवार को आराधना भवन- मालदास स्ट्रीट- उदयपुर में गुरु गुण उत्सव का संगीतमय भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ।
श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि जैनाचार्य पाली जिलेे के बाली गांव से है। उनकी दीक्षा 17 वर्ष की उम्र में हुई थी। अब तक उनके द्वारा हिन्दी भाषा में 250 धार्मिक पुस्तकों का आलेखन और संपादन किय गया है। 14 वर्ष पूर्व मुंबई के पास थाना नगर में उन्हे जैन धर्म के सबसे बड़े - आचार्य पद पर सुशोभित किया गया था। अब तक जैवाचार्यश्री ने भारत के 6 राज्यों में लगभग 48000 कि.मी. का पैदल विहार कर धर्म प्रचार किया है।
आज के गुरु गुण उत्सव में उनके शिष्य मुनि शालिभद्र विजयजी एवं मुनि स्थूलभद्र विजय महाराज ने विस्तार से उनका जीवन परिचय एवं साहित्य यात्रा का वर्णन किया। अभिषेक जैन ने जैनाचार्य के 34 वर्ष पहले हुए चातुर्मास एवं 10 वर्ष पहले उनकी प्रेरणा से स्थापित रत्नत्रयो संस्कार वाटिका हेतु आभार व्यक्त किया। सुप्रसिद्ध संगीतकार कमलेश भाई जैन- शिवगंज ने सभी को भक्ति संगीत से जोडक़र मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस प्रसंग पर जैनाचार्य द्वारा संपादित भक्ति से मुक्ति पुस्तक का भव्य विमोचन डॉ. शैलेन्द्र हिरण, कुलदीप नाहर, कमलेश जालोरी, राजेश जावरिया ने किया। अंत में जैनाचार्य ने प्रेरणादायी प्रवचन किया। प्रकाश चन्द्र, नितेश सिंघवाडिया ने चढावा लेकर जैनाचार्यश्री का गुरुपूजन की तथा कामली अर्पण की। कार्यक्रम में 350 से अधिक समाजजन उपस्थित रहे। अंत में सभी का भव्य स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ।