आयड़ तीर्थ में 121 श्रावक-श्राविकाओं ने की तेला की तपस्या, सामूहिक पारणा कराया
उदयपुर । श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में तपोगच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में रामचन्द्र सुरिश्वर महाराज के समुदाय के पट्टधर, गीतार्थ प्रवर, प्रवचनप्रभावक आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर आदि ठाणा द्वारा चातुर्मास काल के दौरान महाभारत पर प्रतिदिन प्रवचन दिए जा रहे है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे संतों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण महोत्सव के तहत तीन दिवसीय आयोजन में 121 श्रावक-श्राविकाओं ने तेला का सामूहिक तपस्या की। सभी तपस्वीयों का सामूहिक पारणा जयमाला बेन, मोक्ष पोरवाल द्वारा किया गया। नाहर ने बताया कि आयोजित धर्मसभा में आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर ने कहां कि जैन की संख्या ज्याद होने से या कम होने से कोई फर्क नहीं होगा मगर जो जैन है वे अविचल श्रद्धावाले और सम्पूर्ण समर्पण भाव वाले होने चाहिए।
चातुर्मास समिति के अशोक जैन व प्रकाश नागोरी ने बताया कि इस अवसर पर कार्याध्यक्ष भोपालसिंह परमार, कुलदीप नाहर, अशोक जैन, प्रकाश नागोरी, सतीस कच्छारा, राजेन्द्र जवेरिया, चतर सिंह पामेचा, चन्द्र सिंह बोल्या, हिम्मत मुर्डिया, कैलाश मुर्डिया, श्याम हरकावत, अंकुर मुर्डिया, बिट्टू खाब्या, भोपाल सिंह नाहर, अशोक धुपिया, गोवर्धन सिंह बोल्या सहित सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।