भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मभूषण डाॅ. दौलत सिंह कोठारी की धरती पर तैयार हो रहे वैज्ञानिक

By :  vijay
Update: 2025-01-22 14:24 GMT

 उदयपुर,भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मभूषण डाॅ. दौलत सिंह कोठारी की धरती पर तैयार हो रहे वैज्ञानिकप्रसिद्ध वैज्ञानिक, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार रहे पद्म भूषण और पद्म विभूषण डाॅ. दौलत सिंह कोठारी की धरती उदयपुर में विज्ञान समिति के तत्वावधान में कोड फाॅर चेंज अभियान के तहत जिले के 40 सरकारी स्कूलों में कोडिंग और रोबोटिक्स क्लबों की शुरूआत हो चुकी है और इसके माध्यम से गांव-देहातों के विद्यार्थियों को कोडिंग और रोबोटिक्स का अप-टू-डेट प्रशिक्षण देते हुए वैज्ञानिक बनाया जा रहा है। अब तक प्रशिक्षण के दो चरण हो चुके हैं और 200 विद्यालयों के विद्यार्थियों को इससे लाभांवित करने का लक्ष्य समिति द्वारा लिया गया है।

बुधवार को इसी श्रृंखला में विज्ञान समिति सभागार में चार दिवसीय एडवांस रोबोटिक्स प्रशिक्षण का समापन समारोह आयोजित किया गया जिसमें उदयपुर के विभिन्न राजकीय विद्यालयों के छात्र- छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने कौशल का प्रदर्शन किया तो मौजूद अतिथि भी आश्चर्यचकित हो गए।

सेंटर आॅफ एक्सीलेंस का होगा निर्माण:

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त निदेशक (जनसंपर्क) डाॅ. कमलेश शर्मा ने इस अवसर पर विद्यार्थियों के द्वारा किए गए रोबोटिक्स एवं फिजिकल कंप्यूटिंग के प्रयोगों को देखकर कहा कि विज्ञान समिति नन्हें वैज्ञानिकों को तैयार करने का सराहनीय कार्य कर रही है। इस अवसर पर विज्ञान समिति के अध्यक्ष डाॅ. महीप भटनागर एवं संस्थापक डा. के.एल कोठारी ने विज्ञान समिति को स्टेम शिक्षा का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में मूर्त रूप प्रदान करने की घोषणा की। विद्यालय उद्यम संस्था के प्रतिनिधि कैलाश चन्द्र रावल ने संपूर्ण परियोजना की जानकारी देते हुए सभी अतिथियों का सम्मान किया। अध्यक्ष डाॅ. महीप भटनागर ने बताया कि समिति की पहल पर उद्यम संस्था द्वारा अब तक उदयपुर के विभिन्न तहसीलों में इस संबंध में प्रशिक्षण का आयोजन किया जा चुका है।

इन विधाओं का देंगे प्रशिक्षण:

डाॅ. भटनागर ने बताया कि संबंधित विद्यालय, उद्यम संस्थ वा वि विज्ञान समिति उदयपुर के संयुक्त तवावधान में उदयपुर जिले के राजकीय विद्यालयों को स्टेम शिक्षा का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले छात्र एवं छात्राएँ अपने विद्यालय में कोडिंग एवं रोबोटिक्स क्लब की स्थापना करेंगे एवं अपने सहपाठियों के साथ रोबोटिक्स, कोडिंग, थ्रीडी प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन तकनीक, फिजिकल कंप्यूटिंग, चिप डिजाइन, सोलर इंजीनियरिंग एवं डिजाइन थिंकिंग का अभ्यास करेंगे।

200 विद्यालयों में प्रसारित होगा लक्ष्य:

डाॅ. भटनागर ने बताया कि कोडिंग एवं रोबोटिक्स क्लब के लीडर अपने विद्यालयों में क्लब की स्थापना करेंगे। प्रत्येक लीडर्स को यह कार्य करने के लिए सामाजिक पूंजी एवं श्रेय के तहत पॉइंट्स अर्जित करने के अवसर मिलेगा, अर्जित किए हुए पॉइंट्स को छात्र एवं छात्राएँ अपने स्किल बिल्डिंग, कैरियर रेडीनेस एवं भविष्य के पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति के लिए प्रयोग कर सकते है। वर्तमान में यह अभियान उदयपुर के 40 विद्यालयों के लिए चलाया जा रहा है जिसे विज्ञान समिति एवं विद्यालय उद्यम आने वाले समय में 200 से अधिक विद्यालयों में प्रसारित करेंगे।

रोबोटिक्स कार, पीडोमीटर और मोशन सेंसर का दिया डेमो :

समापन समारोह में कक्षा 7 से लगाकर 12वीं तक के अलग-अलग विद्यार्थियों ने रोबोटिक्स कार तैयार कर इसे अपने मोबाइल से नियंत्रित करने, घरों की रोशनी को मोबाइल से आॅपरेट करने, पीडोमीटर तैयार करने, विभिन्न प्रकार के सेंसर युक्त उपकरणों के निर्माण का लाइव डेमो प्रस्तुत किया और अतिथियों को आकर्षित किया। इस मौके पर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय बड़गाँव से जिनिशा शर्मा ने अपना अनुभव साँझा करते हुए बताया कि पिछली दो प्रशिक्षण कार्यशाला में उन्होंने सर्किट बनाना, कोडिंग करना, सेंसर प्रयोग करना सीखा एवं रोबोटिक्स कार भी बनाया। महात्मा गांधी धन मंडी विद्यालय से अनम, निहांशी, मुकेश एवं नरेश ने कोड फार चेंज अभियान की विस्तारपूर्वक जानकारी दी उन्होंने बताया की उदयपर के विभिन्न तहसीलों में कंप्यूटर लैब की क्या स्थिति है एवं 2027 तक कैसे जिले में कंप्यूटिंग शिक्षा को सबके लिए सरल व सहज बनायेंगे। कार्यक्रम में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय बारपाल, पी.एम श्री विद्यालय सुखेर, एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भुवाना के छात्रों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इस मौके पर अतिथियों ने प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। कार्यक्रम में विज्ञान समिति के सदस्य पूर्व इसरो वैज्ञानिक सुरेश पोकरना, मेकर लैब के प्रशिक्षक हर्षा, लक्ष्यराज, नरपत अनुराग एवं अनिल कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. एके संचेती ने किया।

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