अलास्का में ट्रंप-पुतिन की अहम मुलाकात: भारत पर शुल्क और यूक्रेन युद्ध पर होगी चर्चा

Update: 2025-08-14 17:47 GMT
  • whatsapp icon

 

वाशिंगटन, : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुप्रतीक्षित मुलाकात कल, 15 अगस्त को अलास्का के एंकोरेज में होने जा रही है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका-रूस संबंध तनावपूर्ण हैं और भारत पर लगाए गए ऊंचे शुल्क ने वैश्विक चर्चा को जन्म दिया है।

ट्रंप ने हाल ही में फॉक्स न्यूज रेडियो को बताया, “भारत पर लगाए गए शुल्कों ने रूस को आर्थिक झटका दिया, क्योंकि भारत उसका बड़ा तेल खरीदार था। यह पुतिन के मुलाकात के फैसले का एक कारण हो सकता है।” इस महीने की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने के विरोध में भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50% तक कर दिया, जो अमेरिका के किसी भी व्यापारिक साझेदार पर सबसे ज्यादा है।

अलास्का क्यों?

अलास्का का चयन भौगोलिक और प्रतीकात्मक दोनों कारणों से अहम है। यह अमेरिका और रूस के बीच सबसे निकट का क्षेत्र है, जो 1867 में रूस से अमेरिका को बेचा गया था। साथ ही, पुतिन के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) का अरेस्ट वारंट होने के कारण वे ICC सदस्य देशों की यात्रा से बचते हैं। अमेरिका की कानूनी स्थिति उन्हें अलास्का आने की अनुमति देती है।

भारत के लिए निहितार्थ:




 


भारत, जो रूस से सस्ता तेल और हथियार खरीदता है, इस मुलाकात पर नजर रखे हुए है। यदि यह बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में सफल होती है, तो भारत को तेल की कीमतों में कमी और S-400 जैसे हथियारों की आपूर्ति में तेजी मिल सकती है। साथ ही, ट्रंप ने संकेत दिया है कि युद्ध रुकने पर भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त शुल्क हटाए जा सकते हैं।

यूक्रेन युद्ध पर फोकस:

ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि पुतिन युद्धविराम पर सहमत नहीं हुए, तो रूस पर और कड़े प्रतिबंध लग सकते हैं। दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने क्षेत्रीय अखंडता पर जोर देते हुए किसी भी क्षेत्रीय रियायत से इनकार किया है।

वैश्विक नजरें:

यह मुलाकात न केवल अमेरिका-रूस संबंधों के लिए, बल्कि भारत जैसे देशों के लिए भी कूटनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत ने इस बैठक का स्वागत करते हुए कहा, “यह युद्ध का युग नहीं है।” क्या यह मुलाकात वैश्विक शांति और भारत के हितों को नई दिशा देगी? दुनिया की नजरें कल के परिणामों पर टिकी हैं

Tags:    

Similar News