स्वस्थ नारी, सशक्त नारी अभियान- डॉ. मुक्ता प्रभा के सेवा नवाचार से बदल रही ग्रामीण महिलाओं की सोच
शाहपुरा- पेसवानी । भारत की संस्कृति में सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है और यही विचार आज समाज में बदलाव की नई इबारत लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशभर में 2 अक्टूबर तक “सेवा पखवाड़ा 2025” का आयोजन किया जा रहा है। इस पखवाड़े में जहां महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य जागरूकता, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर पहल हो रही है, वहीं शाहपुरा क्षेत्र में आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. मुक्ता प्रभा ने अपने सेवा कार्य को एक नवाचार का रूप देते हुए इसे एक मिशन बना दिया है।
ईटमारिया की चिकित्सा प्रभारी डॉ. मुक्ता प्रभा ने “स्वस्थ नारी, सशक्त नारी” अभियान को नई दिशा दी है। उनका मानना है कि चिकित्सा पेशे से जुड़े होने के नाते समाज की सेवा करना ही उनका धर्म है। ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर उनके मन में गहरी संवेदना है और इसी वजह से वह सेवा पखवाड़े को एक अवसर मानकर गांव-गांव जाकर नारी स्वास्थ्य जागरूकता का कार्य कर रही हैं।
डॉ. प्रभा का स्पष्ट संदेश है “एक स्वस्थ नारी ही स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज की नींव होती है। नारी को सशक्त बनने के लिए उसका स्वस्थ होना सबसे आवश्यक है।” सेवा पखवाड़ा के दौरान डॉ. प्रभा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उन्हें इस मुहिम से जोड़ा। उन्होंने समझाया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही ग्रामीण महिलाओं तक स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी की पहली कड़ी हैं। इसी के साथ विद्यालयों की छात्राओं से संवाद कर उन्होंने किशोरावस्था से ही स्वच्छता और पोषण पर ध्यान देने की जरूरत बताई। छात्राओं ने भी स्वास्थ्य संबंधी अनेक सवाल पूछे और सक्रिय भागीदारी निभाई।
गांव-गांव जाकर डॉ. प्रभा और उनकी टीम ने महिलाओं का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया। विशेष रूप से स्त्री रोगों से बचाव, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई। जरूरतमंद महिलाओं को औषधियां भी दी गईं। इस दौरान महिलाओं को जागरूक करने के लिए रैली भी आयोजित हुई। महिलाओं और छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और पूरे गांव में “स्वस्थ नारी, सशक्त नारी” का संदेश गूंजा।
इस सेवा अभियान में डॉ. प्रभा के साथ नर्स मोनिका डांगी, योग प्रशिक्षक राबिया बानो और सहयोगी कृष्ण कुमार गोड निरंतर सक्रिय रहे। योग प्रशिक्षक राबिया बानो ने महिलाओं को योगाभ्यास कराया और बताया कि योग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक शांति और आत्मबल भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि योग से महिलाएं अपने जीवन को अधिक ऊर्जावान और संतुलित बना सकती हैं।
आज सेवा पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों में ग्रामीण महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्हें यह समझ आया कि समय पर स्वास्थ्य जांच और सही जीवनशैली से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। छात्राओं और महिलाओं ने स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी जानकारियों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प भी लिया।
शाहपुरा क्षेत्र में डॉ. मुक्ता प्रभा ने अपने चिकित्सा ज्ञान और सेवा भाव को मिलाकर जो नवाचार प्रस्तुत किया है, वह वास्तव में सेवा पखवाड़ा की सार्थकता को रेखांकित करता है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा को एक आंदोलन का रूप देकर महिलाओं को सशक्तिकरण की वास्तविक दिशा दी है। डॉ. प्रभा का सपना है कि हर महिला स्वस्थ हो, ताकि वह अपने परिवार और समाज को सशक्त बना सके। उनका यह अभियान ग्रामीण समाज में नई सोच और जागरूकता की नींव रख रहा है। डा मुक्ता का कहना है कि सेवा पखवाड़ा जैसे आयोजन केवल प्रधानमंत्री के संकल्प को ही साकार नहीं करते, बल्कि यह भी सिद्ध करते हैं कि जब सेवा भाव नवाचार से जुड़ता है तो वह समाज में स्थायी बदलाव की ताकत बन जाता है।
