सोसायटी पट्टों पर विवाद: विभाग की सफाई—एक्ट की गलत व्याख्या हुई, रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं

Update: 2025-12-06 01:09 GMT



जयपुर।

सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री रोकने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब शांत हो गया है। राज्य सरकार के आदेश के विरोध में वकीलों द्वारा किए गए कार्य बहिष्कार के बाद पंजीयन विभाग बैकफुट पर आया और साफ किया कि सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

पंजीयन विभाग ने स्पष्ट किया कि सभी प्रकार की सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पहले की तरह जारी रहेगी। गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा विकसित कॉलोनियों में, चाहे जमीन का लैंड यूज चेंज हुआ हो या नहीं, रजिस्ट्री की प्रक्रिया सामान्य रूप से चलेगी।

वकीलों ने हड़ताल खत्म की

विभाग की यह सफाई मिलने के बाद वकीलों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले पंजीयन विभाग ने एक्ट का हवाला देकर सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री रोक दी थी, जिसके विरोध में वकील हड़ताल पर उतर आए थे।

22A का हवाला देकर रजिस्ट्री रोकी गई थी

कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत के अनुसार विभाग ने एक्ट की धारा 22A का संदर्भ देते हुए सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया था।

वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने जब विभागीय अधिकारियों से बातचीत की, तो विभाग ने स्पष्ट किया:

17 जून 1999 से पहले जारी सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री सामान्य रूप से होगी।

1999 के बाद के सोसायटी पट्टों में रजिस्ट्री तभी होगी, जब संबंधित जमीन के लैंड कन्वर्जन दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे।

इसी फैसले के विरोध में वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया।

DIG का बयान: “एक्ट की गलत व्याख्या से असमंजस फैला”

शुक्रवार को DIG जयपुर प्रथम देवेन्द्र कुमार जैन ने वकीलों को बताया कि एक्ट की गलत व्याख्या के कारण असमंजस की स्थिति बनी, जबकि सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है।उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग इस विषय में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा।


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